दक्षिण दिशा में पूजा का सामान रखने से बढ़ती है निगेटिव एनर्जी  

वास्तु शास्त्र में पूजा-पाठ से संबंधित तमाम चीजों का वर्णन मिलता है। वास्तु में पूजा का सामान रखने के लिए सही स्थान और दिशा के बारे में बताया गया है। क्योंकि हिंदू धर्म में पूजा का सामान शुभता का प्रतीक माना जाता है और यह भगवान पर चढ़ाया जाता है। ऐसे में अगर पूजा का सामान सही दिशा में रखा जाता है, तो इसका असर व्यक्ति के जीवन पर शुभ होता है। लेकिन गलत दिशा में पूजा का सामान रखने से अशुभ प्रभाव पड़ता है।

वास्तु शास्त्र के मुताबिक दक्षिण दिशा यमराज की दिशा मानी जाती है। ऐसे में दक्षिण दिशा में पूजा का सामान रखने से निगेटिव एनर्जी बढ़ सकती है और घर में अशुभ प्रभाव बढ़ सकता है। वहीं दक्षिण-पश्चिम दिशा भी पूजा का सामान रखने के लिए शुभ नहीं मानी जाती है। क्योंकि इस कोण को पितरों और स्थिरता से संबंधित माना जाता है। यहां पर पूजा का सामान रखने से घर के सदस्यों की सेहत और समृद्धि पर निगेटिव असर पड़ सकता है।

वहीं घर की आग्नेय कोण यानी कि दक्षिण-पूर्व दिशा में भी भूलकर पूजा का सामान नहीं रखना चाहिए। इन दिशाओं को अशुभ माना जाता है। बाथरूम के पास वाली जगह पर भी पूजा का सामान रखने की मनाही होती है। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है। बता दें कि सीढ़ियों के नीचे की जगह को भी वास्तु शास्त्र में अच्छा नहीं माना जाता है। यहां पर पूजा का सामान रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और काम में भी सफलता नहीं मिलती है।

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक पूजा का सामान शुभता, पवित्रता और सकारात्मकता का कारक माना जाता है। इसलिए इसको कभी भी अपवित्र स्थान पर नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से इसकी पवित्रता और शुद्धि खत्म हो जाती है और जातक को पूजा का शुभ परिणाम भी नहीं मिलता है। इसलिए पूजा का सामान हमेशा सही दिशा में रखना चाहिए, इससे शुभ परिणाम मिलते हैं और व्यक्ति को देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त होती है।

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