वाराणसी। वाराणसी के पवित्र काशी विश्वनाथ धाम के दो किलोमीटर के परिधि में मीट-मांस की दुकानों पर प्रतिबंध के आदेश के तहत वाराणसी नगर निगम और खाद्य विभाग की कार्रवाई लगातार जारी है। इस दिशा में जनवरी 2024 में वाराणसी नगर निगम के मिनी सदन ने प्रस्ताव पारित किया था कि इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार की मीट-मांस की दुकान संचालित नहीं होगी। इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों द्वारा सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
वाराणसी नगर निगम के पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ. संतोष पाल ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम के आसपास के क्षेत्र में स्थित मीट-मांस की दुकानों को पहले भी नोटिस जारी कर जानकारी दी गई थी। इसके अलावा नगर निगम और फूड सेफ्टी विभाग की टीमों ने व्यक्तिगत रूप से दुकानदारों को इस आदेश के बारे में सूचित किया था। बावजूद इसके कई दुकानदारों ने आदेश का पालन नहीं किया।
अब तक 26 दुकानों को चिन्हित किया गया है। जिनमें से 16 दुकानदारों के खिलाफ नोटिस का जवाब न देने और सहयोग न करने के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई काशी विश्वनाथ धाम की पवित्रता बनाए रखने के उद्देश्य से की जा रही है। उनका कहना है, “हमारा प्रयास है कि इस प्रमुख धार्मिक स्थल का 2 किलोमीटर क्षेत्र पूरी तरह से मीट-मांस की दुकानों से मुक्त हो।”
दूसरी ओर, स्थानीय दुकानदार इस फैसले से आक्रोशित हैं। उन्होंने महापौर और नगर निगम के अधिकारियों से मुलाकात कर अपनी समस्याएं सामने रखी हैं। उनका कहना है कि कई पीढ़ियों से वे इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं और यह उनकी आजीविका का मुख्य स्रोत है। दुकानदारों ने मांग की है कि इस विषय में कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाए, ताकि उनकी आजीविका पर संकट न आए और साथ ही धार्मिक भावनाओं का भी सम्मान हो।
दुकानदारों का कहना है, “हम नियमों का उल्लंघन नहीं करना चाहते, लेकिन हमें जीवनयापन के लिए कोई समाधान मिलना चाहिए।” नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने और सदन के आदेशों का पालन कराने के लिए की जा रही है। आने वाले दिनों में अन्य दुकानों पर भी निगरानी तेज की जाएगी।