बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रख्यात समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर का हवाला देकर बुधवार को इस बात को रेखांकित करने की कोशिश की कि वह अपने वर्तमान और पूर्व सहयोगियों की तुलना में अपनी अलग छवि रखते हैं।जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष कुमार ने यहां अपने विचारक और गुरु कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती मनाने के लिए आयोजित पार्टी की रैली में इस आशय की टिप्पणी की
जद(यू) कार्यकर्ताओं और नेताओं को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘आप सभी को याद रखना चाहिए कि अन्य चीजों के अलावा, कर्पूरी ठाकुर को कभी भी अपने प्रभाव का इस्तेमाल नहीं करने के लिए याद किया जाएगा। कर्पूरी जी ने कभी अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ाया।’’
मुख्यमंत्री कुमार ने कहा, ‘‘उन्हीं से सीखकर मैंने भी आज तक अपने परिवार के किसी सदस्य को नहीं बढ़ाया है। दूसरे दलों के नेता अपने परिवार वालों को पहले आगे बढ़ाते हैं।’’
कुमार ने 30 मिनट के अपने संबोधन लोगों से ‘‘हिंदुओं और मुसलमानों के नाम पर लड़ने के बजाय हमेशा शांति से रहने’’ का आग्रह किया। उन्होंने उल्लेख किया कि स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर का भी यही दृष्टिकोण था, जिनके पैतृक घर पर प्रार्थना सभा में सभी धर्मों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।