कर्पूरी ठाकुर को‘‘भारत रत्न’’ के लिए मनोनीत किया गया

नई दिल्ली: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रसिद्ध समाजवादी नेता दिवंगत कर्पूरी ठाकुर को केंद्र सरकार ने भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला लिया है. कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ के लिए मनोनीत किए जाने के अवसर पर पीएम मोदी ने कर्पूरी ठाकुर के बेटे से फोन पर बात की है. पीएम मोदी ने बुधवार को कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर से फोन पर बातचीत कर परिवार सहित प्रधानमंत्री आवास आने का निमंत्रण दिया. इसके बाद रामनाथ ठाकुर ने पीएम मोदी को धन्यवाद दिया.

दरअसल, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रसिद्ध समाजवादी नेता दिवंगत कर्पूरी ठाकुर को उनकी जयंती से एक दिन पहले देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘‘भारत रत्न’’ के लिए मनोनीत किया गया. कर्पूरी ठाकुर बिहार की राजनीति के वास्तविक ‘जन नायक’ या लोगों के नायक रहे हैं, जिनकी विरासत पर विचारधाराओं से परे सभी पार्टियां दावा करती रही हैं.

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को जननायक कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनके नेतृत्व में केन्द्र सरकार निरंतर कर्पूरी ठाकुर से प्रेरणा लेते हुए काम कर रही है जो सरकार की उन नीतियों में भी परिलक्षित होती हैं, जिनसे देशभर में ‘सकारात्मक बदलाव’ भी आया है. भारत सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने का फैसला किया. राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में मंगलवार इसकी घोषणा हुई. यह घोषणा कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती से एक दिन पहले की गई.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पोस्ट में कहा कि देशभर के मेरे परिवारजनों की ओर से जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को उनकी जन्म-शताब्दी पर मेरी आदरपूर्ण श्रद्धांजलि. इस विशेष अवसर पर हमारी सरकार को उन्हें ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय राजनीति की सबसे बड़ी त्रासदी यह रही थी कि कर्पूरी ठाकुर जैसे कुछ नेताओं को छोड़कर सामाजिक न्याय की बात बस एक ‘राजनीतिक नारा’ बनकर रह गई थी. कर्पूरी ठाकुर की दृष्टि से प्रेरित होकर हमने इसे शासन के एक प्रभावी मॉडल के रूप में लागू किया. मैं विश्वास और गर्व के साथ कह सकता हूं कि भारत के 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने की उपलब्धि पर आज वह जरूर गौरवान्वित होते.

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