
नई दिल्ली। अब बिना चीन और नेपाल गए ही कैलाश मानसरोवर की यात्रा संभव है। भारत के रास्ते से ही कैलाश मानसरोवर के दर्शन कर पाएंगे। भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी जानकारी दी। उनका कहना है कि अगले साल तक यह सड़क बन जाएगी। नितिन गडकरी ने कहा, भी मानसरोवर जाने के लिए दो मार्ग हैं, एक तो नेपाल से जाता है, पर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से हम मानसरोवर तक रोड बना रहे हैं। मानसरोवर तक तो चाइना का कुछ पार्ट है, कुछ नेपाल का है, इसलिए बाजू से जा रहे हैं।
इस रोड के बारे में नितिन गडकरी ने आगे बताया, यह रोड बहुत प्रतिकूल परिस्थिति में बन रही है। वहां माइनस 4 डिग्री, माइनस 6 डिग्री तापमान है। बीच में हमने कुछ ऑस्ट्रेलियन टनलिंग मशीन लाकर, हेलिकॉप्टर में उठाकर लेकर गए। अभी तक 85 से 90 पर्सेंट काम हुआ है। आखिरी का 10 पर्सेंट काम बाकी है। लेकिन वहां बहुत कठिनाइयां हैं। वहां काम करना बहुत मुश्किल है। बीआरओ (बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन) यह मुश्किल काम पूरा कर रही है।
मानसरोवर यात्रा के अपने प्लान के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा, मैं उम्मीद करता हूं कि आने वाले अप्रैल (2026) में यह काम पूरा हो जाएगा। मुझे खुद जाना है। क्योंकि मेरी पत्नी नेपाल से जाने वाली थी, तो मैंने उनको कहा कि अभी रुको, हम हिंदुस्तान से जाएंगे। यह कहते कि मुझे डेढ़ साल हो गया, पर अगले साल अप्रैल में हमारे भारतीय लोग मानसरोवर में पिथौरागढ़ से जाएंगे, हम यह निश्चित रूप से पूरा करेंगे।