
नई दिल्ली। वक्फ (संशोधन) बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट आज राज्यसभा में पेश की गई, जिसके बाद सदन में जोरदार हंगामा हुआ। विपक्षी दलों ने सरकार पर वक्फ बोर्डों की स्वायत्तता में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया और असहमति नोट्स को रिपोर्ट से हटाए जाने पर आपत्ति जताई।
कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “हम ऐसी फर्जी रिपोर्ट को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि रिपोर्ट से कोई भी बात हटाई नहीं गई है और सभी असहमति नोट्स रिपोर्ट के परिशिष्ट में संलग्न हैं। इस हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
विपक्षी दलों का कहना है कि यह बिल मुस्लिम समुदाय के संवैधानिक अधिकारों पर हमला है, जबकि सरकार इसे वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए आवश्यक कदम मानती है। इस मुद्दे पर संसद में और बाहर दोनों जगह बहस जारी है।