झारखंड स्थापना दिवस हर साल 15 नवंबर को मनाया जाता है, और इस दिन झारखंड राज्य की स्थापना को याद किया जाता है। 15 नवंबर 2000 को बिहार से 18 जिलों को अलग कर झारखंड राज्य की स्थापना की गई थी, और इस दिन का खास महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह दिन बिरसा मुंडा की जयंती भी है, जिन्हें धरती बाबा के नाम से पूजा जाता है। 15 नवंबर 2000 को, बिहार के दक्षिणी हिस्से के छोटा नागपुर क्षेत्र को अलग करके झारखंड राज्य की स्थापना की गई थी। झारखंड के गठन के साथ ही यह भारत का 28वां राज्य बना।
झारखंड का गठन मुख्य रूप से आदिवासी समुदाय के हितों को ध्यान में रखते हुए किया गया था, क्योंकि इस क्षेत्र में आदिवासी लोगों की बड़ी संख्या है, और राज्य गठन का उद्देश्य उनकी सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक स्थिति में सुधार लाना था। झारखंड स्थापना दिवस के साथ ही इस दिन को बिरसा मुंडा की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। बिरसा मुंडा, जिन्हें धरती बाबा के नाम से भी जाना जाता है, झारखंड और पूरे आदिवासी समुदाय के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण नेता और क्रांतिकारी थे। उनका जन्म 15 नवंबर 1875 को हुआ था, और उन्होंने ब्रिटिश शासन और आदिवासी अधिकारों के लिए अपनी पूरी जिंदगी संघर्ष में बिताई।
बिरसा मुंडा के संघर्ष और बलिदान ने आदिवासी समुदाय को एकजुट किया और उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाई। झारखंड राज्य के निर्माण के समय बिरसा मुंडा की धरोहर और उनके योगदान को सम्मानित किया गया था, और उन्हें झारखंड के आदिवासी समुदाय का प्रतीक माना जाता है। उनके योगदान को याद करते हुए, राज्य में हर साल 15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस के साथ-साथ बिरसा मुंडा की जयंती मनाई जाती है।
झारखंड के इतिहास में 15 नवंबर:
बिरसा मुंडा की जयंती: बिरसा मुंडा की जयंती आदिवासी गौरव और उनके संघर्ष की याद दिलाती है। बिरसा मुंडा के नेतृत्व में आदिवासी समाज ने मुण्डा आंदोलन के तहत ब्रिटिश शासन और जमींदारी प्रथा के खिलाफ जोरदार संघर्ष किया।
राज्य गठन: झारखंड का गठन आदिवासी अधिकारों की रक्षा और स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था। 15 नवंबर 2000 को जब झारखंड राज्य का गठन हुआ, तो इसे आदिवासी समुदाय के स्वाभिमान और उनके अधिकारों का प्रतीक माना गया।
राज्य की पहचान और विकास: झारखंड स्थापना दिवस राज्य की सांस्कृतिक धरोहर, ऐतिहासिक महत्व, और विकास की दिशा को मनाने का दिन होता है। इस दिन विशेष आयोजन होते हैं, जैसे कि संविधान दिवस के समारोह, आदिवासी सांस्कृतिक कार्यक्रम, और राज्य की विकास यात्रा का उत्सव।
15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस और बिरसा मुंडा की जयंती का आयोजन राज्य की आदिवासी संस्कृति, इतिहास, और संघर्ष को सम्मानित करने का एक अहम अवसर है। यह दिन झारखंड राज्य के समाज सुधार, सांस्कृतिक धरोहर, और विकास के लिए प्रेरणा देने वाला है, और राज्य के लोगों को अपनी संप्रभुता, गौरव और आत्मनिर्भरता के लिए प्रेरित करता है।