पश्चिम बंगाल की सियासत में और भाजपा में भूचाल मचा हुआ है, क्योंकि भाजपा की IT सेल के चीफ अमित मालवीय पर यौन शोषण के आरोप लगे हैं। RSS नेता शांतनु सिन्हा ने एक पोस्ट लिखकर अमित मालवीय पर आरोप लगाए। मामला सामने आने के बाद कांग्रेस नेत सुप्रिया श्रीनेत ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अमित मालवीय को पद से हटाने की मांग कर डाली।
सुप्रिया ने इतना तक कह दिया कि केंद्र में भाजपा की सरकार बने 24 घंटे भी नहीं हुए कि पार्टी के लोगों ने अपनी करतूतों से पार्टी को शर्मसार कर दिया। वहीं आरोपों को झूठ और निराधार बताते हुए अमित मालवीय ने शांतनु सिन्हा पर मानहानि का केस कर दिया गया है, जिसमें 10 करोड़ के मुआवजे की मांग की गई है, लेकिन उन्होंने अभी तक मामले में कोई बयान नहीं दिया है।
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि अमित मालवीय बंगाल की महिलाओं का यौन शोषण कहता है। उसे फाइव स्टार होटलों में लड़कियां सप्लाई की जाती हैं और BJP नेताओं में होड़ लगी रहती है कि उसे सप्लाई कौन करेगा? अमित मालवीय की दरिंदगी को बेनकाब करने वाले शान्तनु सिन्हा पश्चिम बंगाल के BJP नेता राहुल सिन्हा के भाई हैं। शान्तनु सिन्हा ABVP के सदस्य रह चुके हैं और वर्तमान में हिंदू संघ के प्रमुख हैं। शान्तनु सिन्हा का कहना है कि अमित मालवीय पर न केवल बंगाल के 5 सितारा होटलों में, बल्कि भाजपा के कार्यालय तक में महिलाओं का यौन शोषण करने का आरोप लगा है।
सुप्रिया श्रीनेता ने कहा कि आपको याद होगा कि कैसे IIT-BHU में गैंगरेप केस के आरोपी सक्षम पटेल, कुणाल पांडेय, आनंद चौहान, जिनकी BJP के बड़े-बड़े नेताओं के साथ तस्वीरें और अच्छे संबंध हैं, वो सब BJP की IT सेल के संयोजक, सह संयोजक और सदस्य हैं। भाजपा आईटी सेल के पदाधिकारी ध्रुव सक्सेना पर भी जासूसी करने के आरोप लगे हैं। ध्रुव को मध्य प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में पकड़ा था।
BJP का महिला विरोधी चेहरा तो पहले भी सामने आ चुका है। हाथरस से लेकर उन्नाव, लखीमपुर, उत्तराखंड की अंकिता भंडारी, गुजरात की बिल्किस बानो, देश की होनहार बेटियों के साथ बदसलूकी खुद BJP के नेताओं ने ही की है। इतने गंभीर आरोपों के बाद भी अभी तक BJP की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। न ही इस मामले में संज्ञान लिया गया है। यह सुई टपक सन्नाटा वाली चुप्पी अपने आप में बहुत सारे सवाल खड़ी करती है। क्या हर बार की तरह इस बार भी भाजपा आरोपियों को संरक्षण देगी?