नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से असंगठित क्षेत्र में कार्यरत महिला श्रमिकों की अधिक संख्या वाले क्षेत्रों की पहचान करने और उन्हें आंगनवाड़ी-सह-क्रैच योजना से जोड़ने काे कहा है। श्रीमती ईरानी ने शुक्रवार को यहां पालना के अंतर्गत आंगनवाड़ी-सह-क्रैच – एडब्ल्यूसीसी पर योजना की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के लोकार्पण समराेह में कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता हर उस महिला तक पहुंचना है जो अपने घर पर काम के साथ-साथ दूसरों के घर में कार्य करके अपनी आजीविका चलाती है।
उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता खेतिहर श्रमिक, पालना के अंतर्गत निर्माण श्रमिक के रूप में कार्यरत महिलाओं को आर्थिक गतिविधियों का हिस्सा बनाते हुए उनकी आजीविका के साथ-साथ उनके बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने में सक्षम बनाना है। उन्होंने राज्य और जिला अधिकारियों से कहा कि प्रस्तावित 17 हजार क्रैच की संख्या को अंतिम सीमा के रुप में नहीं देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उन राज्यों को पूरा सहयोग देगी जो प्रस्तावित संख्या से अधिक एडब्ल्यूसीसी खोलना चाहते हैं।
उन्होंने राज्यों को अपने-अपने क्षेत्रों में निर्माण स्थलों का मूलभूत मूल्यांकन करने और शहरी एवं उप-शहरी क्षेत्रों का मानचित्र बनाने काे कहा , जहां संगठित और असंगठित क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी अधिक है, ताकि क्रैच के निर्माण के लिए उपयुक्त स्थलों की पहचान की जा सके। श्रीमती ईरानी ने कहा कि मंत्रालय राज्यों के परामर्श से एक रूपरेखा बनाएगा, जहां कोई भी निजी क्षमता में इस क्षेत्र में सेवा में भागीदारी कर सकता है। इसके लिए बच्चों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य आवश्यकताओं और पोषण का पता लगाया जाएगा।
उन्होंने महिलाओं को आर्थिक अवसर प्रदान करने में बाल देखभाल क्षेत्र की क्षमता को बढ़ाए जाने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि बाल शोषण और इस क्षेत्र में कानूनों का उल्लंघन करने वाले उन सभी अनगिनत और अपंजीकृत संस्थानों को बंद करने के प्रधानमंत्री के प्रयासों को आगे बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे संस्थानों का अस्तित्व समाप्त करने को सुनिश्चित करने के लिए पुरुषों के साथ-साथ ऐसे संस्थानों में कार्यरत महिलाओं का भी पुलिस सत्यापन किया जाना एक पूर्व-आवश्यकता है।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास और आयुष राज्य मंत्री मुंजपारा महेंद्रभाई, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव इंदीवर पांडे, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की सचिव आरती आहूजा, कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव इंद्र दीप सिंह धारीवाल के साथ-साथ कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की संयुक्त सचिव राजुल भट्ट भी उपस्थित रहीं। डॉ. मुंजपारा ने कहा कि सरकार का लक्ष्य 17000 क्रैच स्थापित करने का है, जिनमें से अब तक 5222 को स्वीकृति दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी -सह-क्रैच महिलाओं के बीच श्रम बल की भागीदारी में सुधार करने में महत्वपूर्ण साधन सिद्ध होगा, जिससे भारत के आर्थिक विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।