
लखनऊ। आज इंटरनैशनल टाइगर डे है। इस मौके पर उत्तर प्रदेश से अच्छी खबर आई है। यहां टाइगर की संख्या लगातार बढ़ रही है। 2018 में यहां 173 टाइगर थे। 2022 में इनकी संख्या बढ़कर 222 हो गई। यूपी सरकार टाइगर के संरक्षण के लिए कई प्रयास कर रही है। इसमें बेहतर जंगल प्रबंधन, आधुनिक गश्त और लोगों की भागीदारी शामिल है।
2019 में शुरू की गई ‘बाघ मित्र’ पहल बहुत सफल रही है। 2023 में इसे मोबाइल ऐप के जरिए और बढ़ाया गया। इससे इंसानों और जानवरों के बीच संघर्ष कम हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पहल की तारीफ की है।
हर महीने 1.5 लाख KM गश्त
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अनुराधा वेमुरि ने बताया कि उत्तर प्रदेश में बाघों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। 2006 में यह संख्या 109 थी जो 2022 में बढ़कर 222 हो गई। दुधवा टाइगर रिजर्व में सबसे ज्यादा 135 बाघ हैं। 2014 में 68 और 2018 में 82 बाघ थे। इसी तरह पीलीभीत में 63, अमनगढ़ में 20 और रानीपुर में 4 बाघ हैं। यह सफलता एम-स्ट्राइप्स सिस्टम के तहत व्यापक गश्त के कारण मिली है। वन विभाग के कर्मचारी हर महीने 1.5 लाख किलोमीटर से अधिक गश्त करते हैं। वे गाड़ी, नाव, हाथी, साइकिल और पैदल गश्त करते हैं। अकेले कतर्नियाघाट में हर महीने लगभग 41 हजार 684 किमी गश्त की जाती है।
120 से ज्यादा ग्रामीण बनाए गए बाघ मित्र
वहीं, मुख्य वन संरक्षक (रोहिलखंड) पीपी सिंह ने बताया कि स्थानीय लोगों की सक्रिय भागीदारी से मानव-वन्यजीव संघर्ष में काफी कमी आई है। पीलीभीत में 120 से अधिक ग्रामीणों को ‘बाघ मित्र’ के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। इनमें युवा, बुजुर्ग और महिलाएं शामिल हैं। ये लोग वॉट्सऐप और आधिकारिक ऐप के माध्यम से जानवरों को देखने की सूचना देते हैं। इससे वन विभाग तुरंत कार्रवाई कर पाता है। इन ऐप पर फोटो भी अपलोड किए जाते हैं जिससे जानवरों की पहचान करने और उनकी लोकेशन पता करने में मदद मिलती है।
लखनऊ चिड़ियाघर और पीलीभीत टाइगर रिजर्व में होंगे कई कार्यक्रम
मंगलवार को इंटरनैशनल टाइगर डे के मौके पर यूपी भर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। लखनऊ चिड़ियाघर में कार्यक्रम होगा। वन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना और राज्य मंत्री केपी मलिक इसमें शामिल होंगे। इसके अलावा, पीलीभीत टाइगर रिजर्व में कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।