
इंटरनेशनल एपिलेप्सी डे या अंतरराष्ट्रीय मिर्गी दिवस हर साल फरवरी के दूसरे सोमवार को मनाया जाता है, और इस बार यह 10 फरवरी 2025 को मनाया जा रहा है। मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जो मस्तिष्क में असामान्य गतिविधियों के कारण होती है, और इसके कारण अचानक दौरे (seizures) आते हैं।
इस दिन का मुख्य उद्देश्य मिर्गी के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना, सचेत करना और मिर्गी से पीड़ित व्यक्तियों को समर्थन देना है। बहुत से लोग मिर्गी के बारे में पूरी जानकारी नहीं रखते, जिससे उन्हें इस बीमारी से जुड़ी कई गलत धारणाएँ होती हैं। इस दिन जागरूकता फैलाने के जरिए मिर्गी के प्रति समाज का नजरिया बदलने की कोशिश की जाती है, ताकि मिर्गी से जूझ रहे लोगों को समझ, सहानुभूति और उपचार मिल सके।
मिर्गी के इलाज में समय पर पहचान और उपचार बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि अगर इसे नजरअंदाज किया जाए, तो यह मरीज़ के लिए गंभीर समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है, जैसे मानसिक और शारीरिक समस्याएँ। सही इलाज और सपोर्ट से मिर्गी से प्रभावित व्यक्ति एक सामान्य जीवन जी सकता है।
इस दिन विभिन्न देशों में संगठनों और चिकित्सकों द्वारा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, ताकि लोगों को मिर्गी के कारण, लक्षण, उपचार और इससे बचाव के उपायों के बारे में जानकारी मिल सके।