
नई दिल्ली। क्रिकेट की दुनिया में उतार-चढ़ाव किसी भी खिलाड़ी के करियर का अभिन्न हिस्सा होते हैं। कुछ खिलाड़ी इन चुनौतियों के आगे झुक जाते हैं, तो कुछ अपने जज्बे और मेहनत से नया मुकाम हासिल करते हैं। केएल राहुल का नाम दूसरी श्रेणी में आता है। भारत की चैंपियंस ट्रोफी खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाने वाले राहुल ने अपने प्रदर्शन से हर बार खुद को साबित किया है।
पिछले कुछ महीने उनके लिए कठिन रहे थे। आईपीएल के पिछले सीजन में लखनऊ सुपर जायंट्स के ओनर ने उनके प्रदर्शन को लेकर खुलेआम नाराजगी जाहिर की थी। यह किसी भी खिलाड़ी के लिए मनोबल गिराने वाली स्थिति हो सकती थी। इसके बाद राहुल ने फ्रेंचाइजी छोड़ने का फैसला किया। कयास लगाया कि शायद यह राहुल के करियर ग्राफ में गिरावट की शुरुआत हो सकती है। हालांकि, गर्म से गर्म माहौल में भी कूल रहने वाले केएल चैंपियंस ट्रोफी में यादगार प्रदर्शन के बाद एक बार फिर मजबूत बनकर सामने आए हैं।
एमएस धोनी के संन्यास के बाद से टीम इंडिया जिस एक ‘ठंडे दिमाग’ वाले ‘विकेटकीपर-फिनिशर’ की तलाश में थी, वह शायद अब पूरी हो चुकी है। जिस तरह से उन्होंने चैंपियंस ट्रोफी में बैटिंग के साथ विकेटकीपिंग की अपनी भूमिका को सफलतापूर्वक निभाया है उसे देख अब ऐसा लग रहा है कि वह इस विकेटकीपर फिनिशर की भूमिका में पूरी तरह फिट हो चुके हैं। चैंपियंस ट्रोफी के सेमीफाइनल और फाइनल में खेली केएल की लाजवाब फिनिशिंग पारियां इसकी बानगी बनीं।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में राहुल अंतिम 15 ओवर्स में बल्लेबाजी के लिए आए, जब भारत को लगभग रन-ए-बॉल की जरूरत थी। दुबई की पिच पर पहली गेंद से ही बड़े शॉट खेलना आसान नहीं था, लेकिन राहुल ने कुछ बाउंड्रीज लगाकर दबाव कम किया। जब विराट आउट हुए, तो रन-गति फिर धीमी हो गई, लेकिन राहुल ने एक छोर संभाले रखा। फिर हार्दिक पंड्या ने जब सही मौके पर एडम जापा को निशाना बनाया, तो खेल पूरी तरह भारत के पक्ष में चला गया। आखिर में सिक्स लगाकर धोनी की तरह राहुल ने भी ‘फिनिश इन स्टाइल’ किया।
फाइनल में दबाव और ज्यादा था। जब न्यूजीलैंड के स्पिनर्स ने मैच में वापसी की, तब राहुल की शांत बल्लेबाजी ने टीम को राहत दी। उन्होंने जोखिम उठाने के बजाय सिंगल्स, डबल्स लेकर इनिंग्स को आगे बढ़ाया। जब अक्षर पटेल ने बेवजह हवा में गेंद को खेलकर अपना विकेट गंवाया तो उन्होंने अपनी निराशा भी जाहिर की। वह जानते थे कि मैच भारत के हाथ में है सिर्फ धैर्य रखने की जरूरत है। हालांकि, केएल ने अपना धैर्य बनाए रखा और भारत को जीत दिलाई। मैच के बाद राहुल ने कहा, ‘मैं यह कैमरे पर नहीं कह सकता, लेकिन आखिरी पलों में मैं बहुत नर्वस था। हालांकि, हमारे पास और भी बल्लेबाज बचे थे, इसलिए मुझे भरोसा था कि हम जीत जाएंगे। बड़े मुकाबलों में संयम बनाए रखना जरूरी होता है। यह आसान नहीं होता, लेकिन खुशी है कि इस बार हम लाइन पार कर गए।’
Those artisans are paid fair-trade prices, and carbon-neutral shipping ensures that orders arrive via eco-friendly transport. You must fill out this form even if you have no changes to report with regard to your income. Caleb Martin puts up a top-five dunk of the season, only to be negated due to a charge call.