
नयी दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में लगातार बढ़ते राजनीतिक संकट के बीच कई पूर्व विधायक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो सकते हैं और उसके टिकट पर आगामी उपचुनाव लड़ सकते हैं। सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। कांग्रेस के छह बागी विधायकों – सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजेंद्र राणा, इंद्र दत्त लखनपाल, चैतन्य शर्मा और देवेंद्र कुमार भुट्टो को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में उपस्थित रहने तथा कटौती प्रस्ताव व बजट के दौरान राज्य सरकार के पक्ष में मतदान करने के पार्टी के एक व्हिप की अवज्ञा करने के लिए 29 फरवरी को अयोग्य करार दिया गया था।
निर्वाचन आयोग ने इनके निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उपचुनाव की घोषणा की है। तीन निर्दलीय विधायकों – आशीष शर्मा, होशियार सिंह और के एल ठाकुर ने शुक्रवार को अपने इस्तीफे सौंपे। उनके निर्वाचन क्षेत्रों में भी उपचुनाव होने की संभावना है। होशियार सिंह ने बाद में संवाददाताओं से कहा था, ‘‘हमने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। हम भाजपा में शामिल होंगे और पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।’’ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार पिछले महीने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इन नौ विधायकों के समर्थन से राज्य की इकलौती सीट के लिए राज्यसभा चुनाव जीतने के बाद संकट में आ गयी थी।
बहरहाल, सुक्खू की सरकार को अभी कोई खतरा नजर नहीं आता है लेकिन भाजपा उपचुनाव में जीत के साथ उनकी सरकार को गिराने की फिराक में है। उपचुनाव में भाजपा की जीत से सत्तारूढ़ पार्टी के खेमे में विधायकों की संख्या में कमी आ सकती है। कांग्रेस के छह विधायकों की अयोग्यता के बाद अब 62 सदस्यीय हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों की संख्या 39 से कम होकर 33 रह गयी है। विधानसभा में मूल रूप से 68 सदस्यीय है। भाजपा के 25 विधायक हैं। बहुमत परीक्षण के दौरान दोनों पक्षों के बराबरी पर रहने की सूरत में ही अध्यक्ष वोट कर सकते हैं और अभी अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी के हैं।
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