प्रयागराज। कुम्भ मेला एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक घटना है, जिसमें लाखों लोग एकत्र होते हैं और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। रिहर्सल की प्रक्रिया में कुम्भ मेला प्रशासन और श्रद्धालुओं द्वारा आयोजन की तैयारी की जाती है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन कुछ ही दिनों में होने वाला है। इस आयोजन को लेकर पहले से ही कई तैयारियां की जा रही है। महाकुंभ को देखते हुए त्रिवेणी संगम पर महिलाओं ने विशेष गंगा आरती में हिस्सा लिया है।
ये अनुष्ठान आगामी कुंभ मेले के लिए रिहर्सल के तौर पर आयोजित किया गया था। प्रयागराज तीर्थ पुरोहित प्रदीप पांडे का कहना है कि सनातन धर्म में कोई बंधन न होने को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि आज एक विशेष आरती की गई है जो कुंभ मेले के लिए एक रिहर्सल थी। लड़के त्रिवेणी आरती करेंगे और लड़कियां गंगा आरती करेंगी। पांडे ने कहा कि हमें उम्मीद है कि आरती करने वाले ये बच्चे हर किसी से प्रेरित होंगे।
हम यह संदेश देना चाहते हैं कि सनातन धर्म में कोई सीमाएं नहीं हैं। यह एक विशेष धार्मिक आयोजन का हिस्सा हो सकता है। त्रिवेणी संगम पर जहाँ गंगा, यमुन और अदृश्य सरस्वती नदियों का मिलन होता है, त्रिवेणी आरती का आयोजन विशेष रूप से किया जाता है। यह आरती संगम क्षेत्र में होती है और वहां श्रद्धालु भगवान की पूजा करते हैं। लड़कों द्वारा त्रिवेणी आरती करना एक श्रद्धा और धार्मिक भावनाओं का प्रतीक है।
गंगा नदी के किनारे पूजा करने का एक प्रमुख तरीका है गंगा आरती। इस आरती का आयोजन प्रमुख नदी घाटों पर किया जाता है, और यह विशेष रूप से लड़कियों द्वारा की जाती है, जो गंगा मां की आराधना करती हैं। गंगा आरती का आयोजन एक प्रकार की धार्मिक अभिव्यक्ति है और यह बहुत ही धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। इस प्रकार की रिहर्सल के दौरान, इन धार्मिक अनुष्ठानों का अभ्यास श्रद्धालुओं को कुम्भ मेला के मुख्य आयोजन के लिए तैयार करता है और समाज में एकता और श्रद्धा का माहौल बनाता है।