प्रयागराज। महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। इस बार महाकुंभ में गंगा की लहरों पर आईसीयू सुविधाओं से लैस एक खास वाटर एंबुलेंस तैरती नजर आएगी। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की इस वॉटर एंबुलेंस में पूरी मेडिकल सुविधा मौजूद होगी। अस्पताल के आईसीयू की तर्ज पर इसमें ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर और मेडिकल स्टाफ भी रहेगा।
आपातकालीन स्थिति में यह एंबुलेंस गंगा में तेज रफ्तार से चलकर मरीजों को तुरंत चिकित्सा सुविधा प्रदान करेगी। महाकुंभ के दौरान 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के स्नान के लिए संगम पहुंचने की संभावना है। इतने बड़े जनसमूह में किसी घटना की स्थिति में दुर्घटनाग्रस्त लोगों को गंगा की लहरों पर ही तत्काल आईसीयू सुविधा प्रदान की जाएगी। वॉटर एंबुलेंस न सिर्फ प्राथमिक उपचार देगी, बल्कि गंभीर मरीजों को जल मार्ग से अस्पताल भी पहुंचाया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हाईटेक वॉटर एंबुलेंस को एनडीआरएफ के बेड़े में शामिल किया है। एनडीआरएफ की इस विशेष टीम के पास अत्याधुनिक बोट्स और उन्नत उपकरण होंगे। इसके अलावा, विदेशी प्रशिक्षण प्राप्त गोताखोर ऑक्सीजन सिलेंडर की मदद से घंटों पानी के भीतर रहकर खोज और बचाव कार्य कर सकेंगे। हर आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 20 टीमें तैयार की गई हैं, जिनका नेतृत्व डिप्टी कमांडेंट अनिल कुमार पाल कर रहे हैं।
वॉटर रेस्क्यू टीम में विदेशी प्रशिक्षित गोताखोरों के साथ-साथ सीएसएसआर (Collapsed Structure Search and Rescue), सीबीआरएन (Chemical, Biological, Radiological, Nuclear) और एफएफआर (First Medical Responder) जैसी टीमें भी शामिल हैं। किसी रासायनिक रिसाव की स्थिति में सीबीआरएन टीम विशेष सुरक्षा सूट पहनकर बचाव कार्य करेगी। वहीं, सीएसएसआर टीम के पास आधुनिक सर्च उपकरण और कटिंग टूल्स मौजूद हैं, जो राहत कार्य में मददगार साबित होंगे।
एनडीआरएफ की टीमें वीआईपी घाट, सरस्वती घाट, अरैल, दारागंज, नाग वासकी, परेड और मेला क्षेत्र के अन्य महत्वपूर्ण घाटों पर तैनात की गई हैं। ये टीमें 24 घंटे शिफ्ट के अनुसार काम करेंगी ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता प्रदान की जा सके। इसके साथ ही, दुर्घटनाओं की संभावना वाले क्षेत्रों जैसे रेलवे फ्लाईओवर, अस्थायी पुल, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और फ्लाईओवर के आसपास भी एनडीआरएफ कर्मियों को तैनात किया गया है।
डीआईजी एनडीआरएफ 11वीं वाहिनी मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि कुंभ मेले के दौरान किसी भी आपदा से निपटने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित टीमें तैनात की गई हैं। वाटर एंबुलेंस में आईसीयू जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। हाल ही में यूपीएसडीएमए के उपाध्यक्ष व सेवानिवृत्त लेफ्टीनेंट जनरल योगेंद्र ढिमरी के नेतृत्व में एनडीएमए, एटीएस, पुलिस, पीएसी, अस्पताल स्टाफ और जिला प्रशासन के साथ समन्वय करते हुए बड़े स्तर पर मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी। इस ड्रिल में सभी विभागों को सुरक्षा, राहत और बचाव कार्यों की प्रक्रिया से अवगत कराया गया।