
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी ने इस साल पूरे देश को चौंकाते हुए साफ-सुथरे शहरों की सूची में तीसरी रैंक पाई है। पहले पर इंदौर और दूसरे पर अहमदाबाद रहा। ये वही लखनऊ है जो पिछले साल 41वें पायदान पर था। स्वच्छता रैंकिंग के इतिहास में लखनऊ नगर निगम की यह अब तक सबसे अच्छी रैंकिंग हैं। लखनऊ को इस उपलब्धि के लिए नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने सम्मानित किया।
यह सम्मान लेने जब मंच पर यूपी के नगर विकास और ऊर्जा मंत्री एके शर्मा पहुंचे तो उनके साथ दो और लोग भी थे। एक थीं लखनऊ की मेयर सुषमा खड़कवाल और दूसरे थे लखनऊ नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त इंद्रजीत सिंह। इन दोनों को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आईएएस अफसर इंद्रजीत सिंह की सादगी ने सबका मन मोह लिया। सोशल मीडिया पर यूजर्स उनकी तारीफ में कसीदे गढ़ रहे हैं।
आईएएस इंद्रजीत सिंह फिर यूपी में ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा विभाग के विशेष सचिव पद पर तैनात हैं। इसके अलावा उनके पास यूपी नेडा और उत्तर प्रदेश रिन्यूएबल एंड ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक का भी जिम्मेदार है। उन्होंने लखनऊ के लिए कूड़ा निस्तारण और हाउस टैक्स कलेक्शन बढ़ाने में बेहतर काम किया था। नगर निगम के वर्तमान आयुक्त गौरव कुमार ने मिसाल पेश करते हुए राष्ट्रपति की तरफ से मिले सम्मान का असली हकदार इंद्रजीत सिंह को बताया है। गौरव कुमार का कहना है कि इंद्रजीत सिंह के नेतृत्व में लखनऊ का कायाकल्प शुरू हुआ।
लखनऊ में पिछले कई सालों से जगह-जगह पर कई कूड़े के पहाड़ बने हुए थे। 2022 में नगर आयुक्त का पद संभालते ही इंद्रजीत सिंह ने शिवरी इलाके में कूड़ा प्रोसेसिंग यूनिट शुरू किया। इसकी मदद से कूड़े के पहाड़ को खत्म किया गया। इंद्रजीत सिंह ने कई ऐसे काम किए जिनके लिए उनको नगर निगम के कर्मचारी याद करते हैं। पहले यहां कर्मचारियों की सैलरी महीने की 20 तारीख तक आती थी। पूर्व नगर आयुक्त ने इसे 1 से 5 तारीख के बीच फिक्स कराया।