जगद्गुरु रामभद्राचार्य पर मुकदमा दर्ज करवाऊंगा

तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज के कांशीराम और मुलायम सिंह यादव पर दिए आपत्तिजनक नारे के बाद विवाद पैदा हो गया है। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर इससे काफी नाराज हैं। उन्होंने रामभद्राचार्य महाराज को जेल भेजने की बात कही है। चंद्रशेखर का कहना है कि वे अपने महापुरुषों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी बर्दाश्त नहीं करेंगे।

भीम आर्मी चीफ ने कहा कि आप कहते हैं कि वे जगद्गुरु हैं। जगद्गुरु का काम होता है- जनता को ज्ञान देना, जागरूक करना और लोगों को सही रास्ता दिखाना, लेकिन अगर रामभद्राचार्य  किसी जाति पर, हमारे महापुरुषों पर अगर अभद्र टिप्पणी करेंगे तो हम उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाएंगे और कोशिश करेंगे कि वे जल्दी से जल्दी जेल जाएं।

राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी। इसे लेकर देश में उत्साह का माहौल है तो वहीं राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। इस पर जब चंद्रशेखर से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की वजह से राम मंदिर राजनीति का अखाड़ा बन गई है। भाजपा के पास धर्म के अलावा कोई मुद्दा है ही नहीं, जिस पर वह राजनीति कर सके। पुलवामा पर उन्होंने सहानुभूति लेकर चुनाव लड़ा, लेकिन इस पर केवल एक एफआईआर दर्ज की गई और आज तक जांच नहीं हुई कि उस हमले में कौन-कौन शामिल थे और इतना आरडीएक्स कैसे आया। भीम आर्मी चीफ ने इस दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य के जाति पर दिए गए बयान को लेकर एफआईआर दर्ज करवाने की भी मांग की।

चंद्रशेखर ने कहा कि भाजपा जल्दबाजी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करा रही है। इसमें भी वह अपना चुनावी फायदा दूंढ़ रही है। चारों शंकराचार्य  के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल न होने के सवाल पर चंद्रशेखर ने कहा कि वे हमसे अच्छा धर्म के बारे में जानते हैं। अगर वो किसी बात से नाराज हैं तो भाजपा को समझना चाहिए कि अपने निजी स्वार्थों के लिए वह ऐसा पाप न करे, जिसका खामियाजा देश को भुगतना पड़े।

आजाद समाज पार्टी के संस्थापक चंद्रशेखर ने कहा कि दलितों का जितना नुकसान भाजपा ने किया है, उतना शायद ही उनका कभी हुआ हो। दलितों को आगे बढ़ने का सबसे बड़ा हथियार था- एजुकेशन, लेकिन भाजपा सरकार ने इसे बर्बाद कर दिया। प्राइमरी स्कूलों को बंद करने में सरकार लगी हुई है। पहले स्कॉलरशिप आती थी, वह बंद हो गई है। इस सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है, जिससे दलित अपने पैरों पर खड़ा हो सके।

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