नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में खेले जा रहे पांचवें टेस्ट में रोहित शर्मा के नहीं खेलने पर चर्चा हो रही है। रोहित ने खुद इस मामले में स्पष्ट किया कि उन्होंने रिटायरमेंट का निर्णय नहीं लिया है, बल्कि खराब फॉर्म के कारण उन्होंने खुद को इस मैच से ड्रॉप किया।
उनका कहना था कि यह निर्णय टीम के हित में लिया गया, और यह फैसला केवल टीम का होता है, किसी और का नहीं। यह एक कठिन निर्णय था, लेकिन रोहित ने यह कहा कि टीम की सफलता और उसके प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाना जरूरी था।
रोहित शर्मा ने कहा कि चार-पांच महीने पहले मेरी कैप्टेंसी और मेरे आइडियाज खूब काम आए। अचानक से ये चीजें खराब कही जाने लगीं। आज रन नहीं बन रहे हैं, लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है कि आप भविष्य में रन नहीं बना पाएंगे। माइक, पेन या लैपटॉप वाले लोग के बोलने से जीवन नहीं बदलेगा।
वे यह तय नहीं कर सकते कि मुझे कब संन्यास लेना चाहिए, कब बाहर बैठना चाहिए, कब कप्तानी करनी चाहिए। मैं एक समझदार आदमी हूं, दो बच्चों का पिता हूं। इसलिए मुझे पता है कि कब क्या करना है। मैं रिटायरमेंट नही ले रहा हूँ, ब्रेक ले रहा हूँ। मुझसे रन नहीं बन रहे थे, फॉर्म में नहीं हूं और यह एक महत्वपूर्ण मैच है इसलिए हमें फॉर्म में रहने वाले खिलाड़ियों की जरूरत है।
इस टेस्ट में कप्तानी की जिम्मेदारी जसप्रीत बुमराह ने संभाली है, जबकि रोहित की जगह शुभमन गिल को प्लेइंग इलेवन में मौका मिला है। यह निर्णय भारतीय टीम के लिए एक महत्वपूर्ण पल है, क्योंकि टीम के अहम सदस्य रोहित शर्मा का इस टेस्ट में न होना, भारतीय क्रिकेट के अगले कदम के लिए नई दिशा को प्रदर्शित करता है।