जीआईएस के नाम पर हाउस टैक्स में की जा रही है वृद्धि

लखनऊ। लखनऊ नगर निगम में बीते एक साल में जीआईएस के बहाने हाउस टैक्स कई गुना बढ़ाने को लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं। वहीं, अब वित्त वर्ष खत्म होने में चंद दिन बाकी होने पर भवन स्वामियों को हाउस टैक्स बकाया का नोटिस भेजा जा रहा है। आरोप है कि बढ़ा टैक्स सही करवाने पहुंचने पर संबंधित अधिकारी और कर्मचारी उत्पीड़न कर रहे हैं।

फर्जीवाड़े के सबसे ज्यादा मामले जोन दो यानी ऐशबाग कार्यालय से जुड़े हैं। एलएनएन जोन में ज्यादातर पुराने इलाके होने से भवनों का मनमाने तरीके से असेसमेंट कर कई गुना ज्यादा टैक्स निर्धारित कर दिया गया है। कई मामले सामने आने के बावजूद अब तक जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य गौरव माहेश्वरी का नगर निगम जोन दो के ऐशबाग इलाके में मकान है। 2400 वर्गफुट के प्लॉट पर बने मकान का हाउस टैक्स 3078 रुपये जमा कर रहे थे। इस बार नगर निगम से नए असेसमेंट के तहत टैक्स 6480 रुपये दिखाते हुए साल 2022 से अब तक बकाया दिखाते हुए 75198 रुपये का टैक्स भेज दिया। नियमित रूप से जमा किए टैक्स की रसीदों के साथ शिकायत पर हाउस टैक्स फिर से 3078 कर दिया गया।

इसी प्रकार ऐशबाग निवासी महेंद्र कौर को 21,04,817 के  हाउसटैक्स बकाए का नोटिस जारी किया गया था। नगर आयुक्त से शिकायत पर टैक्स 14 लाख रुपये किया गया। इसके बाद फिर से जांच के बाद टैक्स 10.50 लाख रुपये कर दिया गया। गड़बड़ी उजागर होने पर जिम्मेदारों पर कार्रवाई के लिए सीटीओ को निर्देश दिए गए थे। हालांकि किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।

वहीं, जोन एक के जेसी बोस वॉर्ड स्थित बाग मन्नू निवासी जहूर अहमद के मकान का जीआईएस से पहले 912 रुपये हाउस टैक्स था। सर्वे के बाद हाउस टैक्स 4777 रुपये कर दिया गया था। शिकायत पर जांच के बाद टैक्स घटाकर 1944 रुपये किया गया।

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