प्रवासी भारतीय दिवस पर प्रवासी भारतीयों की उपलब्धियों को देते हैं सम्मान

हर साल 09 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है। इस दिन को विशेष रूप से उन भारतीयों और उनके वंशजों के योगदान को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। जो भारत के बाहर बसे हुए हैं। बता दें कि इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य भारत के साथ उनके संबंधों को मजबूत करना और उनके द्वारा हासिल की गयी उपलब्धिओं को मान्यता देना है।

बता दें कि इस साल ओडिशा राज्य सरकार के साथ 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन साझेदारी में मनाया जा रहा है। जोकि 10 जनवरी तक चलेगा। हर साल की तरह इस साल भी खास थीम रखी गई है। इस बार की थीम ‘विकसित भारत के लिए प्रवासी भारतीयों का योगदान’ है। इस साल के प्रवासी भारतीय सम्मेलन दिवस में शामिल होने के लिए 50 से अधिक देशों में रह रहे भारतीयों में अपना रजिस्ट्रेशन कराया है।

09 जनवरी 1915 को ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे, तब गांधी जी ने भारतीय समुदाय के लिए महत्वपूर्ण कार्य करना शुरू किया था। यह तारीख गांधीजी के जीवन से जुड़ी है। जो प्रवासी भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनें। महात्मा गांधी का योगदान और संघर्ष भारतीयों के लिए एक अहम उदाहरण है। इसलिए प्रवासी भारतीय दिवस के मौके पर विदेशों में उपलब्धियां हासिल करने वाले भारतीय मूल के लोगों को सम्मानित किया जाता है।

प्रवासी भारतीयों ने न सिर्फ भारत की संस्कृति और परंपराओं को अन्य देशों में फैलाने का काम किया है। बल्कि इन्होंने कई देशों में आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक योगदान भी दिया है। इन लोगों ने विदेशों में बसे होकर भी भारत को अपनी शिक्षा, कार्यों और व्यवसाय के जरिए सम्मानित किया है।

इस दिन को मनाए जाने की शुरूआत साल 2003 में हुई थी। यह दिन हर साल नहीं मनाया जाता था। साल 2015 से इसको हर दो साल में मनाने का निर्णय लिया गया। इसके बाद साल 2023 में इसको हर साल मनाने का फैसला लिया गया। इस तरह से आज भारत का 18वां प्रवासी भारतीय दिवस मनाया रहा है।

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