हाथरस : 2.75 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले का पर्दाफाश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की आर्थिक अपराध शाखा को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। गुरुवार को हाथरस में हुए बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के एक मुख्य आरोपी राजीव गुप्ता को EOW की टीम ने एटा से गिरफ्तार कर लिया है। राजीव गुप्ता पर पिछड़ा वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति की राशि का गबन करने का गंभीर आरोप है।

जानकारी के अनुसार, वर्ष 2009-10 में हाथरस जिले में छात्रवृत्ति योजना के तहत कक्षा 8 से लेकर स्नातकोत्तर तक पढ़ने वाले पिछड़ा वर्ग के छात्रों को शैक्षणिक सहायता प्रदान की जा रही थी। इसी योजना के तहत कुल 14 शैक्षणिक संस्थानों के प्रबंधकों ने मिलकर करीब 2,74,92,689 की राशि गबन की।

इन संस्थानों के प्रबंधकों ने फर्जी नामों से छात्रों का पंजीकरण कर उन्हें छात्रवृत्ति दी गई दिखाकर सरकारी राशि हड़प ली। जांच में यह बात सामने आई कि बड़ी संख्या में ऐसे छात्रों के नाम सूची में थे, जो या तो अस्तित्व में ही नहीं थे या फिर संबंधित संस्थान में अध्ययनरत नहीं थे।

इस पूरे घोटाले की शिकायत मिलने के बाद आर्थिक अपराध शाखा ने मामले की जांच शुरू की थी। जांच के दौरान दस्तावेजों और साक्ष्यों के आधार पर कई संस्थानों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। इन्हीं में से एक आरोपी राजीव गुप्ता भी लंबे समय से फरार चल रहा था। EOW की टीम लगातार राजीव गुप्ता की तलाश कर रही थी। मुखबिर की सूचना पर उसे एटा जिले से गिरफ्तार कर लिया गया।

फिलहाल आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। EOW अधिकारियों के अनुसार, छात्रवृत्ति घोटाले में अब तक कई आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। हालांकि, कुछ अभी भी फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि यह घोटाला न केवल सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला है, बल्कि इससे समाज के जरूरतमंद और पात्र छात्रों के अधिकारों का भी हनन हुआ है।

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