Hariyali Teej 2023 हिंदू धर्म में हरियाली तीज एक विशेष महत्व रखती है। हरियाली तीज श्रावण माह में आती है जो भगवान शिव व माता पार्वती की आराधना करने के लिए अत्यंत पवित्र महीना माना गया है। माना जाता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए माता पार्वती के व्रत की शुरुआत हरियाली तीज से ही हुई थी।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Hariyali Teej 2023: हरियाली तीज माता पार्वती को समर्पित हैं। इस दिन माता पार्वती की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस दौरान महिलाएं व्रत रखकर माता पार्वती की पूजा करती हैं। इस वर्ष यानी 2023 में हरियाली तीज 19 अगस्त को पड़ रही है। आइए जानते हैं कि हरियाली तीज के अवसर पर सुहागिनों द्वारा सोहल श्रृंगार करने का क्या महत्व है।
हरियाली तीज का महत्व (Hariyali Teej 2023)
हरियाली तीज आमतौर पर नाग पंचमी के दो दिन पूर्व यानी श्रावण मास की शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है। यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, यह वह दिन है जब देवी ने शिव की तपस्या में 107 जन्म बिताने के बाद पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था।
इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करके भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं। सुखी वैवाहिक जीवन के साथ ही घर में सुख शांति समृद्धि की प्रार्थना करती हैं। साथ ही इस दिन हरे रंग के कपड़े पहनने का विशेष महत्व है। इस दिन महिलाओं के बीच झूला झूलने का भी प्रचलन है। साथ ही महिलाएं तीज के गीत गाती हैं।
इसलिए किया जाता है सोहल श्रृंगार
हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाओं द्वारा सोहल श्रृंगार करने की परम्परा बहुत पहले से चली आ रही है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो भी महिला सोलह श्रृंगार करके पति की लंबी उम्र की कामना करती है और व्रत करती है। उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
सोलह श्रृंगार उन वस्तुओं को संदर्भित करता है जो विवाहित महिलाएं आमतौर पर पहनती हैं। जैसे- सिंदूर, मंगलसूत्र, चूड़ी आदि। साथ ही सोलह श्रृंगार को सुंदरता, वैवाहिक आनंद और समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है। सोलह श्रृंगार के प्रत्येक श्रृंगार का एक प्रतीकात्मक महत्व है। साथ ही यह समृद्धि से भी जुड़ा होता है। यही कारण है कि हरियाली तीज के दिन महिलाओं द्वारा सोलह श्रृंगार किया जाता है।
माता पार्वती का प्रतीक
हरियाली तीज मुख्य रूप से माता पार्वती को समर्पित हैं। इसलिए 16 श्रृंगार भी उन्हीं से जुड़े हुए हैं। हरियाली तीज देवी पार्वती और भगवान शिव के अटूट रिश्ते को ध्यान में रखकर मनाया जाता है। इस दिन 16 श्रृंगार करके माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा और व्रत करने से सुहागिन महिलाओं अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।