
नई दिल्ली। हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने कमाई में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कंपनी ने 30400 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जो पिछले वर्ष के 30381 करोड़ रुपये की तुलना में अधिक है। यह कमाई इसलिए भी बड़ी बात है क्योंकि हल्के लड़ाकू विमानों और ध्रुव एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर की आपूर्ति की कमी के बावजूद यह मुमकिन हुआ है, साथ ही ऑर्डर भी बढ़ गए हैं। कंपनी का कहना है कि आने वाले वर्षों में राजस्व और बढ़ने की उम्मीद है।
HAL प्रमुख डीके सुनील ने कहा कि यह उपलब्धि हल्के लड़ाकू विमान (LCA Mk-1A) और ध्रुव एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर (ALH) की आपूर्ति में कमी के बावजूद हासिल की गई। उन्होंने बताया कि LCA की आपूर्ति इंजनों की अनुपलब्धता के कारण प्रभावित हुई, जबकि ALH की आपूर्ति जनवरी 2025 में हुए दुर्घटना और उसके बाद पूरे बेड़े के ग्राउंडेड होने के कारण प्रभावित हुई। हालांकि, अन्य उत्पादों और सेवाओं की आपूर्ति में तेजी लाई गई, जिससे राजस्व बनाए रखने में मदद मिली।
HAL के अनुसार, अमेरिकी कंपनी GE एयरोस्पेस ने पिछले सप्ताह LCA Mk-1A के लिए 99 में से पहला F404-IN20 इंजन सौंप दिया है। कंपनी ने यह भी आश्वासन दिया है कि ऑर्डर को पूरा करने के लिए उत्पादन तेज किया जा रहा है। भारतीय वायु सेना के लिए 83 Mk-1A विमानों की आपूर्ति हेतु फरवरी 2021 में 48000 करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया गया था। GE एयरोस्पेस इस वर्ष 12 इंजन देने की योजना बना रही है।
हालांकि, ALH का सैन्य बेड़ा अभी भी ग्राउंडेड है। जनवरी में गुजरात के पोरबंदर में एक तटरक्षक ध्रुव हेलिकॉप्टर की दुर्घटना “स्वाशप्लेट फ्रैक्चर” के कारण हुई थी। विशेषज्ञ इस महत्वपूर्ण घटक की विफलता के कारणों की जांच कर रहे हैं। स्वाशप्लेट असेंबली ALH के ट्रांसमिशन सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
HAL ने इस वर्ष उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित किया। LCA Mk-1A और हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर-40 विमानों के लिए अतिरिक्त उत्पादन लाइनें स्थापित की गईं, साथ ही ओडिशा के कोरापुट में एयरो इंजन क्षमता को भी बढ़ाया गया। पिछले सप्ताह, रक्षा मंत्रालय ने HAL के साथ 62700 करोड़ रुपये की दो अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए, जिसमें सशस्त्र बलों के लिए 156 प्रचंड लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर शामिल हैं। सितंबर 2024 में भी HAL को 26000 करोड़ रुपये का एक बड़ा ऑर्डर मिला था।
HAL के अनुसार, 2024-25 के दौरान कंपनी को नए विनिर्माण अनुबंधों में 102000 करोड़ रुपये और मरम्मत एवं ओवरहाल अनुबंधों में 17500 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। वर्तमान में, कंपनी की ऑर्डर बुक 184000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है, जबकि वर्ष की शुरुआत में यह 94129 करोड़ रुपये थी। HAL ने कहा, “आपूर्ति स्थिर होने, नए ऑर्डरों और क्षमता वृद्धि के साथ, कंपनी वित्तीय वर्ष 2025-26 में और मजबूत प्रदर्शन के लिए तैयार है।”