प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी। इस याचिका में उक्त स्थान पर एक मंदिर की बहाली की मांग करने वाले मुकदमे की स्थिरता को चुनौती दी गई थी जहां मस्जिद मौजूद है। मामले को लेकर आज फिर सुनवाई होगी। यह मामला न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध था। जब इसे सुनवाई के लिए बुलाया गया, तो अदालत ने मामले को स्थगित कर दिया और इसे 7 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।
दो साल तक जारी रखी थी सुनवाई
दिनांक 28 अगस्त के एक आदेश में कहा गया कि तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर ने मामले को न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया से यह कहते हुए अपने पास स्थानांतरित कर दिया था कि ‘एक एकल न्यायाधीश ने दो साल से अधिक समय तक इन मामलों की सुनवाई जारी रखी। रोस्टर के अनुसार मामला’ न्यायमूर्ति दिवाकर ने आगे कहा था कि मामले को एकल न्यायाधीश पीठ से मुख्य न्यायाधीश की अदालत में वापस लेने का निर्णय प्रशासनिक पक्ष पर न्यायिक औचित्य, न्यायिक अनुशासन और मामलों की सूची में पारदर्शिता के हित में लिया गया था।
वाराणसी मुकदमें में दायर की गई थी याचिका
न्यायमूर्ति दिवाकर 22 नवंबर को सेवानिवृत्त हो गए और मामला मंगलवार को न्यायमूर्ति अग्रवाल के समक्ष सूचीबद्ध किया गया। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी (एआईएमसी) ने वाराणसी अदालत के समक्ष दायर एक मुकदमे की स्थिरता को चुनौती दी है, जिसमें वादी ने उस स्थान पर एक मंदिर की बहाली की मांग की है जहां ज्ञानवापी मस्जिद मौजूद है।