कलयुग के एकलव्‍य हैं गोविंदा

मुंबई। हर-दिल-अजीज गोविंदा, ज‍ितने बेहतरीन एक्‍टर हैं, उससे कहीं बेहतरीन दोस्‍त और इंसान। इंडस्‍ट्री में उनके ऐसे कई क‍िस्‍से हैं, ज‍िनके बारे में जानकार हर कोई उनका मुरीद बन जाता है। एक ऐसा ही क‍िस्‍सा है उनकी गुरुदक्ष‍िणा का, जो उन्‍होंने अपने डांस गुरु को दी थी। यह कुछ ऐसा क‍ि आप भी कहेंगे क‍ि गोविंदा कलयुग के एकलव्‍य हैं! बॉलीवुड के ‘हीरो नंबर 1’ गोविंदा आज भी अपने फैंस के दिलों में बसते हैं। 80 के दशक में ‘लव 86’ से बॉलीवुड डेब्‍यू करने वाले गोविंद अरुण आहूजा उर्फ गोविंदा ने 90 के दशक में हिंदी सिनेमा की दुनिया में राज किया। यह वह दौर था, जब एक्‍टर अरुण और सिंगर-एक्‍ट्रेस निर्मला देवी की संतान गोविंदा का सिक्‍का चलता था। कॉमेडी और डांस के बूते उन्‍होंने सुपर-डुपर हिट फिल्‍में दीं। मिथुन चक्रवर्ती के बाद गोविंदा एकमात्र ऐसे एक्‍टर हुए, जिनका डांस देखने के लिए सिनेमाघरों में लंबी लाइन लगती थी। दिग्‍गज कोरियोग्राफर दिवंगत सरोज खान ने गोविंदा को डांस की ट्रेनिंग दी थी।

गोविंदा उन्‍हें अपना ‘गुरु’ मानते थे। स्‍ट्रगल के दिनों में सरोज खान ने गोविंदा को मुफ्त में ट्रेनिंग दी थी। एक्‍टर ने भी ‘एकलव्‍य’ की तरह इस एहसान को याद रखा और ऐसी ‘गुरुदक्ष‍िणा’ दी, जो यादगार बन गई। एक पुराने इंटरव्‍यू में सरोज खान ने खुद इसका जिक्र किया था। सरोज खान ने बताया कि गोविंदा जब इंडस्ट्री में नए-नए आए, तो उनके पास पैसों की तंगी थी। तब एक्‍टर ने सरोज खान से कहा था कि उनके पास फीस देने के पैसे नहीं हैं। यह 1986 से पहले का वक्‍त था। तब गोविंदा की फिल्‍मों में एंट्री नहीं हुई थी।

सरोज खान ने गोविंदा के साथ अपनी पहली मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा था, ‘गोविंदा जी ने मुझे शुरू से ही कहा, ‘मास्टर जी, मैं विरार से बिना टिकट के आता हूं, मेरे पास आपको देने के लिए पैसे नहीं हैं।’ मैंने उनसे कहा, ‘क्या मैंने आपसे पैसे मांगे? जब आप स्टार बन जाएंगे, तब मैं आपसे पैसे मांगूंगी।’ उन्‍होंने अपने इस होनहार स्‍टूडेंट को ट्रेनिंग दी। बाद में गोविंदा को ब्रेक मिल गया। आम तौर पर स्‍टारडम मिलते ही लोग सबकुछ भूल जाते हैं। लेकिन गोविंदा ऐसे नहीं थे। उन्‍होंने इसे ‘एहसान’ समझकर याद रखा और गुरुदक्ष‍िणा भी दी।

सरोज खान ने बताया, ‘एक दिन एक 10 साल का बच्चा मेरे पास आया और मुझे एक लिफाफा दिया। मैं स्टूडियो में बैठी थी। उसने मुझसे पूछा कि क्या मैं सरोज खान हूं। जब मैंने हां में जवाब दिया, तो उसने मुझे लिफाफा देते हुए कहा- ये चीची भैया ने दिया है।’ उस लिफाफे पर ‘गुरुदक्षिणा’ लिखा था। जब सरोज खान ने लिफाफा खोला, तो उसमें 24,000 रुपये थे और कागज पर लिखा था, ‘अब मैं गुरुदक्षिणा दे सकता हूं।’ बहुत कम लोग जानते हैं कि मेरी डांस एकेडमी भी गोविंदा की वजह से ही शुरू हुई थी।

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