सातवें आसमान पर गोल्ड का भाव

नई दिल्ली। सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी यह संकेत दे रही है कि बाजार में कुछ अनिश्चितताएँ और चिंताएँ हैं, जिनकी वजह से निवेशक सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में सोने को देख रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक टैरिफ नीतियों से जुड़े डर, साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति, सोने के भाव को प्रभावित कर रहे हैं।

जब आर्थिक अनिश्चितता बढ़ती है, तो लोग अपनी संपत्ति को सोने में निवेश करना अधिक सुरक्षित मानते हैं, यही कारण है कि सोने की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। MCX पर 86,360 रुपये प्रति 10 ग्राम का रिकॉर्ड स्तर, निवेशकों की सोने में बढ़ती रुचि और बाजार की स्थिरता की ओर इशारा करता है।

इस प्रकार की मूल्यवृद्धि अस्थिर बाजारों में सामान्य होती है, क्योंकि लोग अपनी पूंजी की रक्षा के लिए सोने में निवेश करते हैं। यह सच है कि डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद सोने की कीमतों में तेजी आई है। उनका व्यापारिक दृष्टिकोण और नीतियां, जैसे टैरिफ और वैश्विक व्यापार संबंधों पर असर डालने वाली नीतियां, निवेशकों के बीच असमंजस और अनिश्चितता पैदा कर सकती हैं।

ऐसे माहौल में, सोना एक सुरक्षित निवेश के रूप में उभरता है क्योंकि यह मुद्रास्फीति और आर्थिक अस्थिरता के खिलाफ एक मजबूत ढाल प्रदान करता है। ट्रंप की नीतियों से मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ने की आशंका, सोने की कीमतों में और बढ़ोतरी का कारण बन सकती है।

मुद्रास्फीति के समय में, लोग अपनी संपत्ति को मूल्यह्रास से बचाने के लिए सोने में निवेश करना पसंद करते हैं। सोने का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह ऐतिहासिक रूप से संकट के समय में स्थिरता और सुरक्षा का प्रतीक रहा है।

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