
गुस्सा एक सामान्य मानवीय भावना है, लेकिन जब यह आदत बन जाए, तो शरीर और दिमाग दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है। हाल की रिसर्च और हेल्थ एक्सपर्ट्स की चेतावनियों के अनुसार, बार-बार और अत्यधिक गुस्सा आने से दिल पर सीधा असर पड़ता है। यह न केवल ब्लड प्रेशर बढ़ाता है बल्कि स्ट्रेस हार्मोन का लेवल भी अचानक ऊपर कर देता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
अक्सर देखा जाता है कि लोग छोटी-छोटी बातों पर झुंझला जाते हैं, गुस्से में चीखते-चिल्लाते हैं, लेकिन उन्हें यह अंदाजा नहीं होता कि उनका यह व्यवहार उनके दिल के लिए कितना खतरनाक हो सकता है। गुस्सा शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालिन जैसे हार्मोन को बढ़ा देता है, जो लंबे समय तक उच्च ब्लड प्रेशर और हार्ट संबंधी समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
इसलिए एक्सपर्ट्स का मानना है कि गुस्से को काबू में रखना सिर्फ रिश्तों के लिए ही नहीं, बल्कि दिल की सेहत के लिए भी जरूरी है। अगर आप कूल रहना सीख लें तो न सिर्फ आपका मूड बेहतर रहेगा, बल्कि हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारी से भी खुद को सुरक्षित रख सकेंगे। जब हम गुस्से में होते हैं, तो शरीर ‘फाइट ऑर फ्लाइट’ मोड में चला जाता है। इस स्थिति में एड्रेनालिन नामक हार्मोन तेजी से रिलीज़ होता है, जिससे दिल की धड़कन तेज हो जाती है और ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। यह स्थिति अगर बार-बार हो, तो दिल को लगातार दबाव में रखती है, जिससे हार्ट की मांसपेशियों पर असर पड़ता है। यही कारण है कि बार-बार गुस्सा करने वालों में हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है।
गुस्सा और तनाव दोनों एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हैं। जब हम तनाव में होते हैं, तो छोटी-छोटी बातें भी गुस्से का कारण बन जाती हैं। यही गुस्सा फिर शरीर में स्ट्रेस हार्मोन को और बढ़ा देता है, जिससे ब्लड वेसल्स सिकुड़ते हैं और हार्ट तक पहुंचने वाला ऑक्सीजन कम हो जाता है। इससे दिल की बीमारी का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। तनाव कम करने के उपाय अपनाकर गुस्से पर काबू पाया जा सकता है।
हर बार जब आप गुस्सा करते हैं, तो यह आपके शरीर में एक झटका देता है—शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर। दिल को तेजी से काम करना पड़ता है, जिससे थकान और मांसपेशियों की कमजोरी आती है। लगातार ऐसा होने से दिल की धमनियों में सूजन आ सकती है, जिससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए जरूरी है कि गुस्से की आदत को समय रहते बदला जाए।
अगर आपको छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ापन होता है, लोगों से झगड़ा हो जाता है या हर बार गुस्से के बाद थकान महसूस होती है—तो यह संकेत है कि आपका गुस्सा नुकसानदायक हो चुका है। गुस्से के बाद सिरदर्द, तेज धड़कन या घबराहट होना भी इसके संकेत हो सकते हैं। समय रहते इन संकेतों को समझना और नियंत्रण पाना बेहद जरूरी है।
गुस्सा काबू में रखना कोई असंभव काम नहीं है। नियमित ध्यान, गहरी सांस लेना, शांत म्यूजिक सुनना या अपनी भावनाओं को लिखकर व्यक्त करना इसमें मददगार हो सकता है। साथ ही, हेल्दी डाइट, पर्याप्त नींद और शारीरिक गतिविधि जैसे उपाय भी मूड को स्थिर करने में सहायक हैं। अगर गुस्सा ज्यादा बढ़ रहा है, तो किसी काउंसलर से मिलना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
Although it might have opened the decision of the Chief Justice to criticism, it would certainly have been more preferable than a bland denial of subjective predispositions and an absence of justification.