
गुजरात सरकार की स्टेट बिल्डिंग ‘गरवी गुजरात भवन’ को GRIHA (ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटाट असेसमेंट) द्वारा ग्रीन बिल्डिंग पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार समारोह इंडिया हैबिटेट सेंटर, लोधी रोड, नई दिल्ली में आयोजित हुआ। इस अवसर पर ’16वां GRIHA सम्मेलन’ आयोजित किया गया, जिसका विषय था “Accelerating Climate Action in the Built Environment” (निर्मित पर्यावरण में जलवायु क्रिया को तेज करना)। इस सम्मेलन का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए समाज को सस्टेनेबिलिटी की ओर सशक्त बनाना और सभी के लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करना है।
TERI (द एनर्जी एंड रिसोर्सेज़ इंस्टीट्यूट) और भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय) द्वारा विकसित GRIHA रेटिंग प्रणाली को 2007 में भारत सरकार द्वारा ग्रीन बिल्डिंग्स के लिए राष्ट्रीय मानक के रूप में अपनाया गया था। नई दिल्ली में गुजरात का प्रतिनिधित्व करने वाले गरवी गुजरात भवन को ग्रीन रेटिंग के तहत थ्री स्टरा रेटिंग दी गई है। इस अवसर पर, गुजरात सरकार की ओर से, गरवी गुजरात भवन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कैप्टन प्रशांत सिंह ने गृह रेटिंग पट्टिका और एक शील्ड के साथ पुरस्कार प्राप्त किया। इस पुरस्कार को मुख्य अतिथि, भारत की पूर्व विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने प्रदान किया।
गरवी गुजरात भवन का उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2019 में किया था। यह इमारत ग्रीन बिल्डिंग की सभी आवश्यकताओं को पूरा करने में सफल रही है, जिसमें वर्टिकल गार्डन, सोलर पैनल, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP), इलेक्ट्रोक्रोमिक ग्लास/स्मार्ट ग्लास, वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट जैसी इको-फ्रेंडली सुविधाएं शामिल हैं।
यह भवन लगभग 20,000 वर्ग फीट में फैला हुआ है और उद्घाटन के पांच साल बाद भी दिल्ली आने वाले पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण केंद्र बना हुआ है। गरवी गुजरात भवन को मिनी गुजरात के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यह पारंपरिक और आधुनिक वास्तुकला का बेहतरीन मिश्रण प्रस्तुत करता है, और यह गुजरात की समृद्ध संस्कृति का प्रतीक है।
हाल ही में, दिल्ली-एनसीआर में आर्किटेक्चर की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने गरवी गुजरात भवन का दौरा किया। इस दौरान रेजिडेंट कमिश्नर श्रीमती आरती कंवर ने छात्रों को भवन के बारे में जानकारी दी और बताया कि कैसे यह इमारत दो साल से भी कम समय में बनकर तैयार हुई और इसके निर्माण में सभी ग्रीन बिल्डिंग मानकों को पूरी तरह से अपनाया गया।