अंसल एपीआई के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायतें हुईं दर्ज

लखनऊ। सुशांत गोल्फ सिटी में मकान देने के लिए अंसल एपीआई के अधिकारियों व कर्मचारियों ने एक भवन का तीन बार रेट बढ़वाकर रकम जमा करवाई। तीनों बार एग्रीमेंट भी किया, लेकिन आवेदक को अब तक मकान नहीं मिला। पीड़ित ने अंसल एपीआई के चेयरमैन व अन्य कर्मचारियों के खिलाफ सुशांत गोल्फ सिटी थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। वहीं, एक अन्य पीड़ित ने भी ठगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई है।

इंदिरानगर निवासी संगीता अग्रवाल ने सुशांत गोल्फ सिटी के भरोसा प्रॉजेक्ट में एलआईजी मकान बुक करवाया था। शुरुआत में उन्हें मकान का रेट 5.85 लाख रुपये बताकर रकम जमा करवाई गई। उन्होंने रजिस्ट्री करने के लिए कहा तो दूसरी बार 7 लाख और तीसरी बार 8.40 लाख रुपये रेट बताया। पीड़ित ने तीनों बार बढ़ाकर रकम जमा की। इसके बावजूद उन्हें भवन नहीं दिया गया।

वह अंसल एपीआई के कार्यालय में रजिस्ट्री की बात करने गईं तो उनसे बदसलूकी की गई और कर्मचारियों ने यह कहकर भगा दिया कि प्रॉजेक्ट पूरा होगा तो मकान भी मिलेगा। पीड़िता ने अंसल एपीआई के चेयरमैन प्रणव अंसल व उनके कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाया है।

वहीं, वृंदावन योजना निवासी नीलम चौबे ने भी अंसल एपीआई कर्मी भावना सेठ, राहुल कुमार जुयाल, वीके सेठ, चेयर मैन प्रणव अंसल और ब्रोकर धीरज डेगला व मनोज कपूर के खिलाफ केस दर्ज करवाया है। पुलिस को दी तहरीर में उन्होंने आरोप लगाया है कि सुशांत गोल्फ सिटी के सेक्टर-क्यू स्थित पॉकेट-2 में प्लॉट देने के नाम पर 9,26,838 रुपये कैश और बाकी रकम चेक से ले लिए गए। इसके बावजूद प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं की गई। रजिस्ट्री की बात करने पर उनसे अभद्रता की गई। सुशांत गोल्फ सिटी थाने की पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

The most challenging aspect of the restoration was the conservatory, which Krehbiel said was a "total wreck" of broken and rusted glass. Marvin Sotto at the Edmonton office was a pleasure to deal with! If the row key is not the hash, it won't end up in your output.

Related Articles

Back to top button