कंपकंपाती सर्दी से बचने की ‘जंग’ में चार की मौत

दिल्ली के खेड़ा इलाके में एक घर में 4 लोगों के शव मिले हैं। शव पति-पत्नी और उनके 2 बच्चों के हैं। दरवाजा अंदर से बंद था। कमरे में अंगीठी जली हुई थी। ऐसे में अंदेशा लगाया जा रहा है कि सर्दी से बचने के लिए अंगीठी जलाई गई थी, जिसके धुएं से सफोकेशन हुआ और दम घुटने से चारों की मौत हो गई।

दिल्ली पुलिस के अनुसार, दोनों बच्चों में एक की उम्र 7 साल और एक की 8 साल है। दूसरी ओर, इंद्र पूरी में अंगीठी जलाकर सो रहे 2 लोगों की दम घुटने से मौत हो गई। दोनों बेहोश मिले थे, लेकिन बचाया नहीं जा सका। एक मृतक 56 साल और दूसरा 22 साल का है। दोनों नेपाली मूल के हैं। पुलिस ने सभी 6 शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए।

एक्सपर्ट के अनुसार, अंगीठी जलाने के लिए कोयले या लकड़ी का इस्तेमाल होता है। कोयला-लकड़ी के जलने से कार्बन- मोनो-ऑक्साइड निकलती है। इसके अलावा कई जहरीली गैसें निकलती हैं। बंद कमरे में कार्बन-मोनो-ऑक्साइड बढ़ जाती है, जो दिमाग पर असर डालती है। वहीं ऑक्सीजन घटने से दम  घुटता है, जिससे इंसान की मौत हो जाती है।

बंद कमरे में कार्बन-मोनो-ऑक्साइड की मात्रा बढ़ने से इंसान सिर्फ बेहोश भी हो सकता है। जब सांस लेता है तो यह खतरनाक गैस फेफड़ों में भर जाती है और खून में मिल जाती है। काफी देर तक ऐसा होने से खून में हीमोग्लोबिन कम हो जाता है। अगर समय रहते बचाव न किया जाए तो इंसान की मौत भी हो जाती है।

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