
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली स्वास्थ्य मंत्री रहे सत्येन्द्र जैन के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राष्ट्रपति से अनुमति मांगी है। अमित शाह के मंत्रालय ने राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि वो भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के तहत न्यायालय में मामला चलाने के लिए अभियोजन की अनुशंसा को स्वीकार करें। आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में आमूल-चूल बदलावों का दावा किया करती है। सत्येन्द्र जैन स्वास्थ्य मंत्री हुआ करते थे जिन्हें भ्रष्टाचार के मामले में जेल जाना पड़ा था। 8 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के आए नतीजों में हार के बाद आप दिल्ली की सत्ता से बाहर चली गई। इस बीच उसके मंत्रियों और नेताओं पर शिंकजा कसना जारी है।
सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशायल (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 30 मई, 2022 को गिरफ्तार किया था। दिल्ली राउज एवेन्यू कोर्ट ने 18 अक्तूबर, 2024 को उन्हें यह कहते हुए जमानत दे दी थी कि केस का ट्रायल जल्द पूरा होने की उम्मीद नहीं है। तब से वो जमानत पर रिहा हैं। जैन के तिहाड़ जेल में रहते मसाज करने का वीडियो वायरल हुआ था। बहरहाल, हम जानते हैं कि आखिर क्या है भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 जिसके तहत केंद्र सरकार को सत्येंद्र जैन पर मुकदमा चलाने के लिए राष्ट्रपति के पास जाना पड़ा।
वर्षों से चले आ रहे भारतीय आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) की जगह 1 जुलाई, 2024 से भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 लागू हो गई। इसकी धारा 218 में जज, मजिस्ट्रेट और सरकारी अफसरों पर मुकदमा चलाने के नए नियम बताए गए हैं। यह धारा बताती है कि अगर कोई जज, मजिस्ट्रेट या सरकारी अफसर अपने काम के दौरान कोई अपराध करता है, तो उस पर मुकदमा कैसे चलाया जा सकेगा।