छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम के बेटे ईडी की हिरासत में

नई दिल्‍ली। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे चैतन्य बघेल इस समय ईडी की हिरासत में हैं। दो दिन पहले ही केंद्रीय जांच एजेंसी ने कथित शराब घोटाला केस में उन्हें गिरफ्तार किया था। आज पिता भूपेश बघेल अपने बेटे चैतन्य से मिलने पहुंचे थे। 30 मिनट की छोटी सी मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि जो भी अडानी के खिलाफ इस देश में आवाज उठाएगा,उसका हाल मेरे बेटे जैसा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि उनके बेटे के खिलाफ कोई मामला नहीं है।

बेटे चैतन्य से मिलने के बाद भूपेश बघेल ने कहा कि मुझे अपने बेटे से 30 मिनट मिलने की इजाजत मिली। उसके खिलाफ कोई मामला नहीं है… यह अडानी के खिलाफ उठने वाली किसी भी आवाज को दबाने की कोशिश है। अगर कोई अडानी समूह के खिलाफ आवाज उठाएगा,तो उसके साथ भी भूपेश बघेल के बेटे जैसा ही सलूक किया जाएगा।

इससे पहले ईडी ने दावा किया था कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को कथित शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये मिले हैं। ED का कहना है कि उन्होंने 1000 करोड़ रुपये से अधिक के आपराधिक आय (proceeds of crime) के लेन-देन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार,ED ने शुक्रवार को चैतन्य बघेल को कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। यहां एक विशेष अदालत में दायर अपनी रिमांड याचिका में ED ने कहा कि उनकी जांच से पता चला है कि चैतन्य के पास आपराधिक आय थी और वह इसे हासिल करने,रखने,छिपाने,ट्रांसफर करने,उपयोग करने और इसे बेदाग दिखाने में सक्रिय रूप से शामिल थे।

ED की जांच में खुलासा हुआ है कि चैतन्य की दो फर्मों को मैसर्स सहेली ज्वेलर्स से 5 करोड़ रुपये मिले। रिमांड याचिका में आगे कहा गया है कि लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू ने पुष्टि की है कि ये फंड “शराब घोटाले से उत्पन्न नकदी” के बदले में ट्रांसफर किए गए थे। रिमांड याचिका में ED ने कहा,”इसके अलावा,चैतन्य ने इस भुगतान के बदले कोई ब्याज नहीं दिया है और 5 करोड़ रुपये में से 4.5 करोड़ रुपये अभी भी चुकौती के लिए किताबों में लंबित हैं। इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि चैतन्य के स्वामित्व वाली मैसर्स बघेल डेवलपर्स द्वारा किया गया भुगतान केवल नकद में समान राशि के भुगतान के बदले है।”

जांच के दौरान, यह सामने आया कि शराब घोटाले से उत्पन्न आपराधिक आय (POC) का एक बड़ा हिस्सा बंसल को सौंपा जा रहा था, ED ने कहा। बंसल ने PMLA की धारा 50 के तहत अपने बयान में स्वीकार किया कि उन्हें कम समय (तीन महीने) में 136 करोड़ रुपये मिले,जैसा कि अनवर ढेबर और नितेश पुरोहित के बीच हुई चैट में चर्चा की गई थी (अनवर ढेबर के फोन से बरामद,जो सिंडिकेट का एजेंट था और जमीन पर कलेक्शन और प्रमुख व्यक्तियों को उसकी बाद की डिलीवरी का प्रबंधन कर रहा था)।

इसके अलावा, रिमांड याचिका में कहा गया है कि उन्होंने (बंसल) अपने बयानों में स्वीकार किया था कि उन्होंने चैतन्य के सहयोग से शराब घोटाले से उत्पन्न 1000 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी का लेन-देन किया था,जो आपराधिक आय है। बंसल ने दिपेन चावड़ा के माध्यम से अनवर ढेबर (शराब कारोबारी) से राशि एकत्र की थी और उसके बाद, उन्होंने चैतन्य के समन्वय से उक्त धनराशि राम गोपाल अग्रवाल (कांग्रेस नेता) को पहुंचाई थी। ED की रिमांड याचिका में कहा गया है कि उन्होंने चैतन्य के निर्देश पर के.के श्रीवास्तव को भी लगभग 80-100 करोड़ रुपये नकद (दिपेन चावड़ा से प्राप्त उपरोक्त धनराशि में से) दिए।

Related Articles

Back to top button