
मंडी । हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा से हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भारी तबाही हुई है। 30 जून की रात 12 जगह बादल फटने से जिले में जान-माल का भारी नुकसान हुआ। मानसूनी आपदा में 219 स्कूल प्रभावित हुए हैं। इनमें से 208 स्कूल आंशिक रूप से और 11 स्कूल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बुधवार को इस स्थिति की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए ये जानकारी दी। उन्होंने अधिकारियों को युद्धस्तर पर इन स्कूलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण कार्य तेज करने के निर्देश दिए ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रभावित स्कूलों को फिलहाल नजदीकी खाली सरकारी भवनों, महिला मंडलों और सामुदायिक भवनों में संचालित किया जा रहा है। उन्होंने निर्देश दिए कि विद्यार्थियों को लंबी दूरी तय न करनी पड़े, इसके लिए ऐसे ही भवनों को चुना जाए जो उनकी पहुंच में हों। रोहित ठाकुर ने विभाग को आपदा पूर्व आवश्यकता आकलन के तहत प्राप्त राशि जल्द जारी करने और इस राशि का उचित उपयोग सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों को 75 प्रतिशत से अधिक नुकसान पहुंचा है, उनकी मरम्मत को प्राथमिकता दी जाए और कार्य की गुणवत्ता व समयसीमा पर विशेष ध्यान दिया जाए। शिक्षा मंत्री ने इस बात पर भी चिंता जताई कि कई विद्यालय और महाविद्यालय ऐसे स्थलों पर बनाए गए थे, जो नदियों और खड्डों के नजदीक थे, जिससे उन्हें ज्यादा नुकसान हुआ। भविष्य में निर्माण स्थल के चयन की जिम्मेदारी उप-निदेशकों पर होगी ताकि भवन सुरक्षित जगह पर बनें और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि वह शीघ्र ही मंडी के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लेंगे।
बैठक में शिक्षा विभाग की अन्य योजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की गई। रोहित ठाकुर ने राजीव गांधी आदर्श डे-बोर्डिंग स्कूल, अटल आदर्श विद्यालयों और शिक्षकों की लंबित भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि विभाग ने 320 अध्यापकों और प्रवक्ताओं को नोटिस जारी किए हैं, जो बेहतर परीक्षा परिणाम देने में विफल रहे हैं और इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे कर्मठ शिक्षकों के समर्पण की उन्होंने विशेष प्रशंसा की।
शिक्षा मंत्री ने कॉलेजों की नैक रैंकिंग शीघ्र पूरी करने और आधुनिक पुस्तकालय स्थापित करने के निर्देश भी दिए। बैठक के दौरान प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन की सीईओ डॉ. रुकमिनी बैनर्जी ने हिमाचल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की सराहना की और बताया कि असर और परख सर्वेक्षणों में प्रदेश ने राष्ट्रीय स्तर पर पांचवां स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों को राष्ट्रीय पहचान मिली है।