नए साल का पहला दिन भगवान गणेश को समर्पित करना एक सुंदर परंपरा है, जो भारत में खासतौर पर शुभ और समृद्धि की शुरुआत के रूप में मनाई जाती है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता (विघ्नों को नष्ट करने वाला) और ज्ञान, समृद्धि, सुख, और सफलता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, नए साल के पहले दिन भगवान गणेश की पूजा करके लोग अपने साल की शुरुआत सकारात्मकता, समृद्धि और शुभता से करते हैं।
यह परंपरा विशेष रूप से महाराष्ट्र और अन्य कुछ राज्यों में महत्वपूर्ण मानी जाती है, जहां लोग नए साल की शुरुआत में गणेश पूजा करते हैं। इस दिन गणेशजी की विशेष पूजा अर्चना, मंत्रोच्चारण और उनके चित्र या मूर्तियों की पूजा की जाती है, ताकि नया साल बिना किसी विघ्न के सुख और सफलता से भरा हो।
गणेश पूजा का तरीका:
नए साल के पहले दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए उनकी सुंदर मूर्ति या चित्र स्थापित किए जाते हैं। पूजा स्थल को स्वच्छ करके उसे फूलों, दीपकों और धूप से सजाया जाता है। “ॐ गण गणपतये नमः” या “ॐ श्री गणेशाय नमः” जैसे मंत्रों का जाप किया जाता है, ताकि जीवन में हर बाधा और विघ्न दूर हो। गणेश जी को लड्डू और अन्य मिठाइयाँ अर्पित की जाती हैं, जो उनके प्रिय होते हैं। गणेश जी से सुख, समृद्धि, सफलता और मानसिक शांति के लिए आशीर्वाद मांगा जाता है।
इस दिन भगवान गणेश की पूजा से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि नया साल बिना किसी विघ्न और संकट के आगे बढ़े। यह एक तरीका है अपनी इच्छाओं और सपनों को पूरा करने के लिए आशीर्वाद लेने का, ताकि आने वाला वर्ष खुशहाल और समृद्ध हो।