लखनऊ। अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड पर जमीन के गलत लेन-देन में शामिल होने पर 14.40 करोड़ का भारी जुर्माना लगाया गया है। उत्तर प्रदेश भू-संपदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) ने कंपनी पर नियमों का उल्लंघन करने के मामले में ये कदम उठाया है। कंपनी की विभिन्न परियोजनाओं के तहत कुल 329 लेन-देन में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं।
यह जुर्माना विभिन्न प्लॉट्स में हाउसिंग योजना के तहत रेरा एक्ट की धारा-3 का उल्लंघन करने के आरोप में लगाया गया है। इस मामले में अंसल प्रॉपर्टीज़ को कई बार नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन उनकी ओर से समय पर संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया।
जांच में पाया गया कि अंसल प्रॉपर्टीज के विभिन्न सेक्टर्स में कुल 329 प्लॉट्स का आवंटन रेरा एक्ट की धारा-3 का उल्लंघन करते हुए किया गया था। इनमें सेक्टर डी, एच, जे, जी और एफ के प्लॉट्स शामिल हैं। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि इन प्लॉट्स के आवंटन में प्राधिकरण से आवश्यक स्वीकृति नहीं ली गई थी।
इन मामलों में किया गया नियमों का उल्लंघन : हाईटेक टाउनशिप सुशान्त गोल्फ सिटी, लखनऊ के सेक्टर एम के अपंजीकृत पॉकेट-1ए, 2 कुल 58 विक्रय-विलेख। सेक्टर एच के अपंजीकृत पॉकेट-1, 2ए, 28, 2सी में कुल 32। सेक्टर एच के अपंजीकृत एक पॉकेट में 104 विक्रय-विलेख। सेक्टर एच के इन पॉकेट्स में कुल 136 विक्रय-विलेख। सेक्टर 1 के अपंजीकृत पॉकेट-1 में 48 विक्रय-विलेख। सेक्टर 6 के अपंजीकृत पॉकेट-3बी एवं 5 में कुल 82 विक्रय-विलेख। सेक्टर एफ के अपंजीकृत पॉकेट-2ए में 04 विक्रय-विलेख। सेक्टर बी के अपंजीकृत पॉकेट-4 में 01 विक्रय – विलेख
प्राधिकरण ने रेरा एक्ट की धारा-59 (1) के तहत 14.40 करोड़ रुपये का जुर्माना तय किया है। अंसल प्रॉपर्टीज को इस राशि का भुगतान 30 दिनों के भीतर करने का निर्देश दिया गया है। यदि निर्धारित समय सीमा में राशि जमा नहीं की जाती है, तो रेरा एक्ट की धारा-59 (2) के तहत आगे की कार्रवाई की जाएगी।
प्राधिकरण की 162वीं बैठक में अंसल प्रॉपर्टीज को व्यक्तिगत रूप से अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया। लेकिन, उनकी ओर से प्रस्तुत जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। इसके साथ ही, अंसल प्रॉपर्टीज की ओर से सभी नोटिसों का अलग-अलग जवाब देने के बजाय एक जैसा जवाब प्रस्तुत किया गया। रेरा एक्ट की धारा-3 के तहत किसी भी आवासीय परियोजना के लिए प्राधिकरण की पूर्व स्वीकृति अनिवार्य होती है। अंसल प्रॉपर्टीज के इस नियम का उल्लंघन करने के चलते यह सख्त कदम उठाया है।