दिल्ली कूच के चलते बीते दिन शंभू और खनौरी बॉर्डर पर खूब बवाल हुआ। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसमें किसान की मौत होने की खबर आई। सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत भी खराब हुई। माहौल देखते हुए किसानों ने दिल्ली कूच करने के लिए नई रणनीति बनाने का ऐलान किया।
हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों ने 2 दिन के लिए दिल्ली कूच टाल दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा के अध्यक्ष सरवन सिंह पंढेर में बीते दिन हुए घटनाक्रम को देखते हुए दिल्ली कूच के लिए फिर से रणनीति बनाने का ऐलान किया है।वहीं भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले गुरनाम सिंह चढ़ूनी के नेतृत्व में किसान आज हरियाणा में नेशनल और स्टेट हाईवे ब्लॉक करेंगे। बुधवार को खनौरी बॉर्डर पर पुलिस और किसानों के बीच हुए टकराव में युवक की मौत होने के बाद माहौल तनावपूर्ण बन गया था।देररात खनौरी-दातासिंहवाला बॉर्डर पर डटे किसानों ने सफेद झंडा लहरा दिया। जवाब में पुलिस और प्रशासन ने भी सफेद झंडा लहराया। इसके बाद से शांतिपूर्ण माहौल बना हुआ है, लेकिन किसानों का कहना है कि वे पीछे हटे हैं, पर हिम्मत नहीं हारेंगे, फिर आगे बढ़ेंगे।
बीते दिन 21 फरवरी को किसानों ने हरियाणा-पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर से दिल्ली के लिए कूच किया। उन्होंने बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए बनाई गई सीमेंट की दीवार तोड़ने का प्रयास किया तो पुलिस ने रोकने की कोशिश की। इस दौरान हुए टकराव में एक प्रदर्शनकारी किसान शुभकरन सिंह की मौत हो गई। मौत होने का कारण सिर में चोट लगना बताया जा रहा है। शुभकरण के पिता मानसिक रूप से बीमार हैं। ऐसे में वह परिवार में अकेला कमाने वाला थकिसानों और पुलिस के बीच टकराव के दौरान जींद में टोहाना बॉर्डर पर तैनात सब इंस्पेक्टर विजय कुमार की अचानक तबीयत बिगड़ गई। उन्हें डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के दौरान ही मृत घोषित कर दिया। इससे पुलिस वाले भी भड़क गए।
शुभकरण सिंह के परिवार और किसान संगठनों ने उसकी मौत के लिए पुलिस और सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस पर शुभकरण को गोली मारने के आरोप लगे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने भी शुभकरण की मौत के लिए सरकार को कठघरे में खड़ा किया। किसान संगठनों ने हालातों पर चर्चा करने के लिए और दिल्ली कूच के लिए नए सिरे से रणनीति बनाने के लिए आज 22 फरवरी को अपनी राष्ट्रीय समन्वय समिति और आम सभा की बैठक बुलाई है।
दिल्ली कूच के लिए आगे बढ़ रहे किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने पहले आंसू गैस के गोले छोड़े। इससे कुछ किसान पीछे भाग गए, लेकिन मास्क लगाकर आगे बढ़ रहे किसान रुके नहीं तो पुलिस ने उन पर मिर्च पाउडर डाल दिया। साथ ही आस-पास भूसे में आग लगा दी। जवाब में किसानों ने पुलिस वालों पर पत्थरों और धारदार हथियारों से हमला किया। मिर्च पाउडर से आंखों में जलन और धुएं से सांस लेने में दिक्कत हुई तो किसानों को पीछे हटना पड़ा।
शंभू और खनौरी बॉर्डर पर तनाव बढ़ता देखकर हरियाणा की AIG (प्रशासन) मनीषा चौधरी ने प्रदर्शनकारियों से पीछे हटने की अपील की, लेकिन किसान झड़पों पर उतर आए तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। आंसू गैस के गोले छोड़े जाने से किसान आंदोलन के को-ऑर्डिनेटर सरवन सिंह पंढेर की तबीयत खराब हुई तो उन्हें प्रदर्शन स्थल से कहीं और जे जाया गया। आंदोलन के दूसरे बड़े नेता जगजीत डल्लेवाल को भी सांस लेने में तकलीफ हुई तो उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
किसानों और पुलिस के बीच टकराव देखते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने एक बार फिर किसानों को बातचीत करने का न्योता दिया। इससे पहले 8, 12, 15 और 18 फरवरी को 4 दौर की बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। किसानों ने सरकार का MSP को लेकर प्रस्ताव ठुकराया और 21 फरवरी को दिल्ली कूच करने का ऐलान किया, जिसके परिणामस्वरूप बुधवार को माहौल तनावपूर्ण हो गया। अब किसानों की आगे की रणनीति देखते हैं क्या होगी?तनावपूर्ण माहौल देखते हुए हरियाणा सरकार ने प्रदेश के 7 जिलों अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, हिसार, फतेहाबाद, जींद और सिरसा में इंटरनेट बैन की अवधि बढ़ा दी है। इन जिलों में अब 23 फरवरी तक इंटरनेट बैन रहेगा। SMS सेवाएं भी बंद रहेंगी।