
गाजियाबाद। गाजियाबाद में अवैध दूतावास चलाने वाला हर्षवर्धन जैन विदेश में काउंसलर बनाने के नाम पर धनाढ्य लोगों से मोटी रकम वसूल रहा था। यूपी एसटीएफ को हर्षवर्धन के लैपटॉप और मोबाइल में इससे संबंधित सुराग मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक, उसके पास से देश के दर्जनभर लोगों के दस्तावेज मिले हैं, जो विदेश में काउंसलर बनने की प्रक्रिया में थे।
एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने 22 जुलाई की रात गाजियाबाद के कविनगर में अवैध रूप से चल रहे दूतावास का भंडाफोड़ करते हुए फर्जी राजदूत हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया था। हर्षवर्धन खुद को वेस्ट आर्कटिका, सर्बोगा, पॉलविया और लोडोनिया आदि स्यवंभू देशों का काउंसलर और कॉन्सुल एंबेसडर (वाणिज्य दूत) बताता था।
छापेमारी में अवैध दूतावास से डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट लगी चार गाड़ियां, 44 लाख 70 हजार की नगदी, कई देशों की मुद्रा, विदेश मंत्रालय की मुहर लगे फर्जी दस्तावेज,अवैध देशों के 12 पासपोर्ट, फर्जी देशों और कंपनियों की 34 मुहर आदि बरामद हुई थीं। इसके अलवा एसटीएफ ने एक लैपटॉप और मोबाइल फोन भी बरामद किया था।
लैपटॉप और मोबाइल खंगाले तो चौंकाने वाली बातें सामने आईं। सूत्रों के मुताबिक लैपटॉप और मोबाइल फोन में ऐसे तमाम सुबूत मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़, दक्षिण भारत और एनसीआर के 10 से अधिक लोगों के दस्तावेज विदेश के काउंसलर बनने की प्रक्रिया में थे। हर्षवर्धन धनाढ्य लोगों को विदेश में काउंसलर बनवाने के नाम पर मोटी रकम वसूल रहा था।
बताया जा रहा है कि हर्षवर्धन पुलिस और एसटीएफ का जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। सख्ती बरतने पर वह तबीयत खराब होने का नाटक कर रहा है। सूत्र बताते हैं कि एसटीएफ की टीम दस्तावेज बरामद करने के लिए आरोपी को कई स्थानों पर ले गई, लेकिन वहां ज्यादा कुछ बरामद नहीं हो सका। हर्षवर्धन की गिरफ्तारी के बाद से उसके रिश्तेदार और जानकार चौकन्ने हो गए हैं और सबूतों के साथ भागे हुए हैं। इसके अलावा एसटीएफ इंटरपोल के जरिए हर्षवर्धन का विदेशों में अपराध का रिकॉर्ड जानने में जुटी है।