लखनऊ। महाकुंभ में इस बार एक नया और विशेष आकर्षण देखने को मिलेगा—चंद्रशेखर आजाद की ऐतिहासिक पिस्तौल की प्रतिकृति। यह पहल संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय की ओर से की गई है, जो स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता चंद्रशेखर आजाद को सम्मान देने का एक प्रयास है। संग्रहालय के डिप्टी क्यूरेटर डा. राजेश मिश्रा ने बताया कि इस बार महान क्रांतिकारियों के जीवन से जुड़ी प्रदर्शनी के आयोजन की तैयारी है। प्रदेश सरकार महाकुंभ मेला क्षेत्र में संग्रहालय को जगह उपलब्ध करा रही है।
चंद्रशेखर आजाद ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष करते हुए अपना जीवन बलिदान दिया था, और उनकी पिस्तौल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण प्रतीक मानी जाती है। महाकुंभ में इस पिस्तौल की प्रतिकृति का प्रदर्शित होना ना सिर्फ स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान का प्रतीक है, बल्कि यह युवा पीढ़ी को हमारे इतिहास और वीरता से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण प्रयास भी है। चंद्रशेखर आजाद का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अमर है, और इस पहल के माध्यम से उनका योगदान और बलिदान समर्पण की भावना को नई पीढ़ी तक पहुंचाया जाएगा।
महाकुंभ के आयोजन में इस तरह के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक तत्वों का समावेश इस बार इसे एक और विशेषता प्रदान करेगा, जिससे यह धार्मिक आयोजन के साथ-साथ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के गौरव को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। यह पहल न केवल कुंभ मेले के महत्व को बढ़ाती है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को भी उजागर करती है।