मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर

मिर्गी एक गंभीर बीमारी है, जो यदि समय पर उपचार नहीं किया जाए तो व्यक्ति के जीवन को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, मिर्गी को सही तरीके से नियंत्रित किया जा सकता है, और इससे प्रभावित व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है। अगर आपको मिर्गी के दौरे या इसके लक्षणों का सामना करना पड़ रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उनकी सलाह पर ध्यान दें।मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर है, इस स्थिति में दिमाग के अंदर असामान्य तरंगे उत्पन्न होती है। ऐसी स्थिति होने पर व्यक्ति को बार-बार दौरा पड़ने लगता है। जब मिर्गी का दौरा पड़ता है, तो व्यक्ति की दिमागी और शारीरिक संतुलन बिगड़ जाता है। दौरा पड़ने पर कुछ लोग बेहोश हो जाते हैं, तो वहीं कुछ लोग लड़खड़ाने लगते हैं। अगर समय रहते इस बीमारी का इलाज नहीं कराया गया, तो यह बीमारी खतरनाक रूप ले सकती है।

मिर्गी से दो तरह के दौरे पड़ते हैं। जिनमें से एक जनरलाइज्ड एपिलेप्सी होता है। इस कंडीशन में व्यक्ति के पूरे दिमाग में दौरा पड़ता है। यह दौरा तब तक होता है, जब तक की पीड़ित बेहोश न हो जाए। तो वहीं दूसरा फोकल एप्लेकिसी होता है। इस कंडीशन में दिमाग के कुछ हिस्से में इलेक्ट्रिकल तरंगे दौड़ती हैं। इस स्थिति में व्यक्ति के सूंघने या चखने की शक्ति में बदलाव होता है और शरीर में मरोड़ आने लगता है। इसमें देखने, सुनने या फिर फील करने की क्षमता खो जाती है। 

मिर्गी के कारण

ब्रेन स्ट्रोक होने पर व्यक्ति को मिर्गी का दौरा पड़ने का खतरा होता है। जब ब्रेन में ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है, तब भी मिर्गी का दौरा पड़ सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक ब्रेन ट्यूमर या दिमाग में फोड़ा होने पर भी मिर्गी का खतरा हो सकता है। उम्र बढ़ने पर जिन लोगों को अल्जाइमर या डेमेंशिया जैसी बीमारियां हो जाती हैं, उनको भी मिर्गी के दौरे पड़ सकते हैं। एड्स या मैनिंजाइटिस की समस्या से पीड़ित व्यक्ति भी इस बीमारी की चपेट में आ सकता है। कई बार नशीली दवाओं का अधिक सेवन करने और जेनेटिक कारणों से भी मिर्गी के दौरे पड़ सकते हैं।

मिर्गी से बचाव के उपाय

मिर्गी की समस्या से बचने के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का नियमित रूप से सेवन करते रहें।

हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं।

रोजाना व्यायाम करें।

तनाव और चिंता कम करें।

पर्याप्त नींद लेना बेहद जरूरी है।

संतुलित और पौष्टिक खाना खाएं।

शराब और नशीली चीजों से दूरी बनाएं।

पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।

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