
वाशिंगटन। एलन मस्क की अंतरिक्ष कंपनी स्पेसएक्स ने बुधवार तड़के एक विशाल रॉकेट का नौंवी बार परीक्षण किया, जिसे चंद्रमा और मंगल तक इंसान और माल पहुंचाने के लिए तैयार किया गया है। यह उड़ान भारतीय समयानुसार सुबह 5 बजे शुरू हुई और इसे “स्टारशिप उड़ान-9” नाम दिया गया। यह रॉकेट दो भागों में था – नीचे का भारी हिस्सा, जिसे “सुपर हेवी” कहा गया, और ऊपर का भाग जिसे “स्टारशिप” कहा जाता है। रॉकेट का ऊपरी हिस्सा असफल रहा।
जानकारी के अनुसार, भारी रॉकेट वाला निचला हिस्सा सफलतापूर्वक उड़ान भरने के बाद समुद्र में उतर गया। दोनों हिस्सों के अलग होने की प्रक्रिया भी ठीक से पूरी हुई। उड़ान के दौरान कुछ जरूरी प्रयोग भी किए गए, जिससे भविष्य में इसे बार-बार इस्तेमाल किया जा सके।
रॉकेट का ऊपरी हिस्सा, जो समुद्र में उतरने वाला था, उड़ान के लगभग 30 मिनट बाद नियंत्रण से बाहर हो गया। यह भाग घूमने लगा और अंत में हिंद महासागर में गिरकर नष्ट हो गया। इसके साथ ले जाए जा रहे नकली उपग्रह भी सही समय पर छोड़े नहीं जा सके।
यह स्पेसएक्स इस साल की तीसरी कोशिश थी। पहले दो परीक्षण असफल रहे थे। स्पेसएक्स हर उड़ान से अनुभव ले रहा है ताकि आगे चलकर यह रॉकेट इंसानों को चंद्रमा और मंगल तक सुरक्षित पहुंचा सके। यह रॉकेट जब उड़ता है तो अमेरिका के अलावा बहामास, क्यूबा, मैक्सिको और अन्य देशों के ऊपर से गुजरता है। इसी कारण अमेरिका की विमानन एजेंसी ने इसे लेकर सख्त नियम बनाए और पहले से चेतावनी जारी की थी।
एलन मस्क चाहते हैं कि आने वाले वर्षों में यही रॉकेट मनुष्यों को चंद्रमा और फिर मंगल तक ले जाए। लेकिन अभी यह सपना अधूरा है। जब तक ऊपरी हिस्सा सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में जाकर लौट नहीं आता, तब तक इस रॉकेट को पूरी तरह सफल नहीं माना जा सकता।