
नई दिल्ली। हाल ही में क्रिकेट जगत में 2-टियर टेस्ट चैंपियनशिप को लेकर चर्चा हुई है। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आईसीसी की चाहत है कि इस नए टेस्ट सिस्टम की शुरुआत 2027 से हो जाए। हालांकि, ऐसा होने की संभावना बहुत कम है, क्योंकि अभी ये सिर्फ थ्योरी के तौर पर नजर आ रही है। प्रैक्टिकल के लिए कई देश तैयार नहीं हैं। इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने आईसीसी द्वारा प्रस्तावित इस नए टेस्ट फॉर्मेट का खुलकर विरोध किया है। इस योजना के प्रति उदासीनता दिखाने वाला इंग्लैंड बोर्ड अकेला नहीं है।
2 टियर टेस्ट सिस्टम में छह-छह टीमों के दो डिवीजन में बांटा जाएगा, जिनमें हर चक्र के बाद एक या दो टीमें प्रमोट और डिमोट होंगी। क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक, यह अब कई सदस्य बोर्डों के लिए एक खतरे की घंटी बन गया है, क्योंकि हर देश भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के साथ टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहता है। यही तीन देश टेस्ट क्रिकेट को तवज्जो देते हैं। एशेज सीरीज को छोड़कर सिर्फ इंडिया के साथ वाली टेस्ट सीरीज ही चर्चा का केंद्र रहती है। इसमें व्यावसायिक और आर्थिक रूप से व्यवहार्यता भी शामिल है। कोई भी बोर्ड बिग 3 के साथ खेलने का मौका नहीं छोड़ना चाहता।
अगर आईसीसी बोर्ड इस 2 टियर टेस्ट सिस्टम को मंजूरी दे देता है, तो 12 टेस्ट खेलने वाले देशों को दो डिवीजनों में बांट दिया जाएगा। बिग 3 यानी भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के अलावा डिवीजन 1 में दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड और श्रीलंका (ताजा रैंकिंग के आधार पर) की टीम होगी, जबकि बाकी छह – पाकिस्तान, वेस्टइंडीज, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, आयरलैंड और जिम्बाब्वे निचले डिवीजन में प्रतिस्पर्धा करेंगे। इस समय सभी के लिए चिंता ये है कि बिग 3 के अलावा टेस्ट क्रिकेट में कोई अन्य टीम उतनी दिलचस्पी नहीं दिखा रही है।
घटनाक्रम से वाकिफ एक सूत्र ने कहा, “यह बिग 3 के बीच लगातार सीरीज आयोजित करके नहीं, बल्कि उन्हें अन्य देशों के साथ मुकाबलों में शामिल करके हासिल किया जा सकता है।” क्रिकेट वेस्टइंडीज (CWI) ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर मौजूदा टेस्ट सिस्टम में आमूल-चूल परिवर्तन करना है, तो वित्तीय मॉडल को उस बदलाव का एक प्रमुख हिस्सा होना चाहिए।
वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के सीईओ क्रिस डेहरिंग ने क्रिकबज को बताया, “CWI का इस पर कोई रुख नहीं है, क्योंकि हमने सार्वजनिक अटकलों के अलावा (2-टियर चैंपियनशिप पर) कोई विशेष चर्चा नहीं की है या कोई विशेष जानकारी नहीं देखी है। हमारा रुख उस वित्तीय मॉडल से जुड़ा है जो टेस्ट और अन्य द्विपक्षीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का आधार है, जिसे हम उद्देश्य के लिए उपयुक्त नहीं मानते और जिसे किसी भी आमूल-चूल परिवर्तन का एक प्रमुख हिस्सा होना चाहिए।”
ईसीबी ने पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर दिया है, जबकि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड यानी पीसीबी ने सिंगापुर में हाल ही में हुई आईसीसी की बैठकों में दो-डिवीजन सिस्टम का विरोध किया था। प्रस्तावित संरचना पर प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किए जाने पर पीसीबी के एक प्रवक्ता ने इस वेबसाइट को बताया, “आईसीसी का टेस्ट कार्यक्रम अगले दो सालों के लिए तय है। इसलिए इस पर चर्चा करना अभी जल्दबाजी होगी।”