
लखनऊ। ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन (एआईआईए) के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी इन दिनों सुर्खियों में हैं। दिल्ली के संसद मार्ग स्थित मस्जिद में बैठीं डिंपल यादव के पहनावे पर सवाल उठाकर उन्हें विरोध का सामना करना पड़ रहा है। उन पर लखनऊ में एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है। बावजूद इसके वह लगातार बयान दे रहे हैं। मौलाना ने सोमवार को एक बार फिर कहा- ‘इस्लामी आस्था के अनुसार मैं डिंपल यादव के मस्जिद के अंदर बैठने के तरीके पर आपत्ति जताता हूं। मस्जिद के अंदर इस तरह बैठना उचित नहीं है। उन्हें इकरा हसन से सीखना चाहिए था कि कैसे बैठना चाहिए।’
मौलाना साजिद रशीदी ने कहा- ‘मस्जिद के अंदर जो मौलाना वहां मौजूद थे (सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी) अब मौलाना नहीं हैं। वह अब एक सांसद हैं। उन्हें वहां बैठने का अधिकार नहीं था। वह समाजवादी पार्टी के सांसद हैं। वह वहां गुलामों की तरह हाथ जोड़कर बैठे हैं। क्या उनमें सुप्रीमो की पत्नी को यह कहने की हिम्मत होती कि वह गलत स्थिति में बैठी हैं? सबसे बड़ा अपराधी वह हैं। अगर वह मौलाना होते तो उन्होंने तुरंत आपत्ति जताई होती और कहा होता कि मस्जिद चर्चा करने की जगह नहीं है। उन्हें मस्जिद में अखिलेश यादव के लिए चाय और नाश्ता लाना पड़ा, जो इस्लाम के खिलाफ है।’
मौलाना ने डिंपल यादव को लेकर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। इसके बाद लखनऊ के विभूति खंड में उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ। डिंपल यादव के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी को लेकर एनडीए सांसदों ने सोमवार को संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया है।