
किडनी फेल होने या किडनी का फंक्शन खराब होने पर पेशाब कम आता है और इस वजह से तरल पदार्थ शरीर में इकठ्ठा होने शुरू हो जाते हैं। इससे इंसान का शरीर बैलून की तरह फूलने लगता है। उसके हाथ, पैर, चेहरा फूलने लगते हैं। पेशाब जब निकलता है, तो पेशाब के साथ बहुत सारे तत्व बाहर निकलते हैं जैसे क्रिएटिनिन, प्रोटीन यूरीक एसिड, यूरिया, सोडियम और पोटेशियम निकलते हैं। पेशाब नहीं आने से यह सभी तत्व बॉडी में इकट्ठे होते रहते हैं।
किडनी फेल होने वाले मरीजों को शरीर की गंदगी यानी इन तत्वों को बाहर निकालने के लिए डायलासिस की जरूरत पड़ती है। डायलिसिस क्या है? डायलिसिस एक ऐसा प्रोसेस है, जिसमें मशीन के जरिए उन तत्वों को निकाला जाता है, जो पेशाब के जरिए बाहर निकलनी थी। इस प्रोसेस में मरीज का सारा खून निकाला जाता है और उससे इन तत्वों को अलग किया जाता है और खून को दोबार मरीज के शरीर चढ़ाया जाता है।
अगर कोई मरीज डायलिसिस से छुटकारा पाना चाहता है और किडनी को ठीक करके उसके कामकाज को पहले की तरह बेहतर बनाना चाहता है, तो उसे नीचे बताया उपाय आजमाना चाहिए। डॉक्टर ने बताया कि डायलासिस एक खतरनाक प्रोसेस है। उदहारण के लिए किसी मरीज का पूरा खून निकाला जाता है फिर उसे साफ करके चढ़ाया जाता है। ऐसे में कई लोगों को डायलासिस के दौरान ही कार्डियक अरेस्ट हो जाता है। जितनी बार डायलासिस होगा, उतना ही यह खतरा बढ़ता है।
डायलिसिस से छुटकारा पाना आसान नहीं है क्योंकि इसे हफ्ते, हफ्ते में दो बार और कई बार रोजाना कराने की सलाह दी जाती है। अगर यह भी न हो तो किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी जाती है अगर वो फेल हो गया, तो एक और ट्रांसप्लांट करने को कह दिया जाता है। कुल मिलाकर एक यह ट्रैप है जिससे मरीज निकल नहीं पाता है।
डॉक्टर ने बताया कि डायलिसिस का काम शरीर में जमा गंदे तरल पदार्थों को बाहर निकालना है, जोकि पेशाब से नहीं निकल रहे हैं। ऐसे में आप तीसरी किडनी का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह तीसरी किडनी आपकी स्किन है। स्किन को मेडिकली थर्ड किडनी बोला जाता है। यह शरीर का सबसे बड़ा अंग है। आपकी स्किन भी डायलिसिस का काम कर सकती है।
डॉक्टर ने बताया कि स्किन से निकलने वाले पसीने और पेशाब में लगभग एक जैसी ही तत्व जैसे प्रोटीन, शुगर और क्रिएटिनिन होते हैं। इसका मतलब यह है कि शरीर को जो चीज नहीं चाहिए, या तो वो पेशाब से निकलेंगी ये फिर पसीने के जरिए। तो आप शरीर की गंदगी निकालने के लिए अपनी स्किन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
डॉक्टर ने बताया कि शरीर से गंदे तत्वों को निकालने के लिए आप एक या दो घंटे तक गर्म यानी 40 डिग्री तापमान वाले पानी में बैठा सकते हैं। इतनी देर गर्म पानी में बैठने से मरीज का वजन आधा या एक किलो कम हो जाता है। इससे शरीर का एक लीटर पानी कम हो जाता है, इससे उसका ब्लड प्रेशर भी कम हो जाता है।कुल मिलाकर गर्म पानी डायलिसिस मशीन का काम कर सकता है। डायलिसिस में आपको जिंदगी भर बैठना है जबकि गर्म पानी में आपको तीन से चार महीने ही बैठना है। गर्म पानी में पैरों से किडनी की तरह ब्लड जाता है जिससे किडनी भी ठीक हो सकती है। एक टाइम पर किडनी सही से अपना काम करना शुरू कर सकती है।