शराब, सिगरेट पीते भोलेनाथ के भक्त

महाशिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाने के बाद शराब पार्टी करते युवकों का वीडियो वायरल हुआ है। शराब और कोल्ड ड्रिंक की बोतलें, नमकीन और सिगरेट के पैकेट लेकर खुद को शिवभक्त कहने वाले लड़के नदी किनारे बैठकर धार्मिकता की धज्जियां उड़ा रहे थे पूरा देश भगवान भोलेनाथ की भक्ति में लीन है। देशभर के शिव मंदिरों में शिव-शिव गुंजायमान है। शिवभक्त भोलेनाथ का जलाभिषेक करके महाकाल का आशीर्वाद ले रहे हैं। देश के प्रमुख शिव मंदिरों में शामिल उत्तराखंड के ऋषिकेश में बने श्री नीलकंठ महादेव मंदिर में भी आज भक्तों का सैलाब उमड़ा।

देशभर से लोग नीलकंठ के दर्शन करने भी पहुंचे। इस बीच शिवभक्तों का एक ऐसा वीडियो सामने आया, जिसने शर्म से सिर झुका दिया। यह वीडियो नीलकंठ के दर्शन करने आए शिवभक्तों का है, जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है, जिसे देखकर आपके मन में भी सवाल उठेगा कि क्या यह वास्तव में शिव भक्त हैं?

वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कुछ युवक ऋषिकेश में नीलकंठ महादेव मंदिर के रास्ते में नदी किनारे बैठे हैं। पास में शराब की बोतल, कोल्ड ड्रिंक की बोतल, नमकीन के पैकेट, सिगरेट की डिब्बियां हैं। युवकों के हाथ में शराब के जाम हैं और वे सिगरेट फूंक रहे थे। युवकों को देखकर इलाके के स्थानीय लोगों ने उन्हें टोका तो वे पहले बहस करने लगे।

जब लोगों ने वीडियो बनानी शुरू की और उनसे पूछा कि यह क्या कर रहे हो? भगवान के दर पर बैठकर शराब पीते शर्म नहीं आती तो वे मुंह छिपाने लगे। उन्होंने कहा कि वे नीलकंठ के दर्शन करने और भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाने आए थे। अब वापस जा रहे हैं तो रास्ते में रुक गए। यह सुनकर लोग भड़क गए और उन्होंने कहा कि शर्म करो, अपने आप को भोलेनाथ के भक्त कहते हो।वीडियो बना रहे लोगों ने जाम छलका रहे युवकों से कहा कि उन्होंने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। देवभूमि की आस्था ही नहीं, बल्कि धार्मिक सौहार्द को भी गहरी चोट पहुंच रही है।

दूसरी ओर, बड़ा सवाल यह है कि गढ़वाल और पौड़ी की पुलिस जहां महाशिवरात्रि के पर्व पर सुरक्षा और शांति व्यवस्था को चाक चौबंद करने का दावा ठोक रही है, वहीं उनकी निगाह सरेआम जाम छलका रहे इन शिवभक्तों पर क्यों नहीं पड़ी?यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी श्रद्धालु बनकर देवभूमि उत्तराखंड आने वाले लोगों के ऐसे वीडियो वायरल होते आए हैं, फिर वह धाम के रास्तों पर हों या फिर गंगा किनारे, लेकिन पुलिस कुछ नहीं कर पाती।

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