
लखनऊ। 69 हजार शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने को बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव किया। उन्होंने नियुक्ति पत्र को लेकर नारेबाजी की। पुरुष व महिला दोनों अभ्यर्थी प्रदर्शन में शामिल हुए। बेसिक शिक्षा मंत्री ने अभ्यर्थियों में से पांच प्रतिनिधियों को बुलाकर उनका पक्ष सुना और आश्वासन भी दिया।
अभ्यर्थियों का कहना हैं 69 हजार भर्ती में काफी अनियमितता हुई है। इस कारण आरक्षित वर्ग के हजारों अभ्यर्थी नौकरी पाने से वंचित रह गए हैं। मामले में हाईकोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया। लेकिन, सरकार की लापरवाही के कारण उसका पालन नहीं हुआ। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है।
अभ्यर्थी अमरेंद्र पटेल का कहना है कि साल 2018 में यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। जब इसका परिणाम आया तो इसमें आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया। उन्हें नौकरी से वंचित किया गया। लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाईकोर्ट की डबल बेंच ने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला सुनाया।
उनका कहना था कि हाईकोर्ट ने नियमों का पालन करते हुए तीन महीने के अंदर अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश दिया लेकिन, सरकार इस प्रकरण में हीला हवाली करती रही। मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया। सुप्रीम कोर्ट में भी सरकार लापरवाही कर रही है। इस कारण हम लोगों को सड़क पर उतरना पड़ा है। हमारी मांग है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में हमारी मजबूत पैरवी करे। हमें जल्द न्याय दिलाए।