भारत में जगह-जगह मिलता है स्वादिष्ट खाना

खान-पान की विविधता का सीधा संबंध मौसम और जलवायु पर भी आधारित है, और इस बात की बानगी भारत की स्वादिक विविधता से स्पष्ट रूप से समझा जा सकता है। जैसे जैसे पूरब से पश्चिम की तरफ बढ़ेंगे तो थाली की सब्जी गाढ़ी होती चली जाएगी, हरी सब्जी का स्थान दाल या फिर बेसन लेने लगेगा वहीं पूरब में जहा मछली प्रमुखता से आपके कौर का भाग होगा वही पश्चिम में लाल मांस। हालांकि की हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश और राजस्थान में शाकाहार खान पान की मूल पद्दति है, जबकि बाकी सारे देशों में शुष्क जलवायु मुख्य रूप से मांसाहार आधारित है।

पंजाब जहाँ अपनी संस्कृति के लिए जानी जाना है वहीं पर पंजाबी व्यंजन  पूरे भारत में पसंद किए जाते हैं। पंजाब में बहुत सारे प्रसिद्ध व्यंजन है जिनमें, शाकाहारी, मीठे व्यंजन शामिल है।मक्के की रोटी सरसों का साग, छोले भटूरे, दाल मखनी, दही भल्ले, मलाई कोफ्ता, नवरत्न कोरमा, रबड़ी, पिन्नी, सूजी का हलवा, आलू के पराठे, गोभी के पराठे, अमृतसरी मछली, तंदूरी चिकन, बटर चिकन, और भी बहुत सारे व्यंजन है जो कि पंजाब में मुख्य रुप से बनाए जाते हैं व संपूर्ण भारत में से बड़े चाव के साथ खाया जाता है। “पंजाबी लस्सी “पूरे भारत में प्रसिद्ध है।
राजस्थान
राजस्थान सिर्फ अपने किलों के लिए ही नहीं बल्कि स्वाद के लिए भी प्रसिद्ध है। राजस्थानी खाने का स्वाद हर एक व्यक्ति के सिर चढ़ कर बोलता है। राजस्थान के लोग अक्सर मसालेदार खाना खाते हैं और यहां की मिठाईयां भी काफी अलग होती है।बाजरे की रोटी बाजरे के आटे से बनाई जाती है इसे हाथों से ही बेला जाता है और मंदी आंच पर सेका जाता है। रोटी को लहसुन और प्याज की चटनी के साथ खाया जाता है।दाल-बाटी चूरमा को आटा,सूजी,दूध,नमक और घी मिलाकर बाटी बनाई जाती है। बाटी को मसालेदार दाल और मीठे चूरमे के साथ दिया जाता है। देशभर में फिरनी के नाम से भी फिणी को जाना जाता है। सर्दियों में राजस्थान में घेवर बनाए जाते हैं। बेसन के गट्टे की सब्जी राजस्थान में लोकप्रिय व्यंजन के रुप में परोसी जाती है।राजस्थान की कढ़ी,पंचमेल की सब्जी, गजक, सेव भुजिया, आचार, कढ़ी कचौड़ी, मिल्क केक, गुलाब जामुन और खिचड़ी कढ़ी भी बेहद लोकप्रिय है।
ओडिशा
ओडिशा को ‘पूर्वी भारत का गोवा’भी कहा जाता है, ओडिशा का खाना अपने स्वाद और पौष्टिकता के लिए भी जाना जाता है। ओडिशा के भोजन में सबसे महत्वपूर्ण व्यंजनों में से एक खिचडी है। जिसे पुरी मंदिर में भगवान जगन्नाथ को मुख्य भोग के रूप में भी पेश किया जाता रहा है।दाल्मा ओडिशा का खाना में एक दाल का व्यंजन है।दोपहर के भोजन के दौरान ओडिशा के लगभग हर घर के लिए पाकला भाटा दैनिक भोजन है। यह पके हुए चावल को पानी और खट्टे दही में भिगोकर तैयार किया जाता है। ओडिशा में गोलगप्पा गुप्चप के रूप में जाना जाता है।ओडिशा में प्रसिद्ध है – छेना पोडा, जिसे भगवान जगन्नाथ की पसंदीदा मीठी भी कहा जाता है और अक्सर इसे पुरी के मंदिर में पेश किया जाता है।चातु राय या चातु बेसर एक पौष्टिक सब्जी पकवान है जो उड़ीसा में बहुत लोकप्रिय है।कदली मंजा राय को  लाल मिर्च के साथ लहसुन लौंग, इलायची, जीरा, दालचीनी, धनिया के साथ केले स्टेम करी को मिलाकर तैयार करते हैं,

बंगाल में रसगुल्ले
बंगाल के रसगुल्लों को भी काफी लोकप्रिय माना जाता है। रसगुल्ला कोलकाता निवासियों के बीच बतौर मिठाई के रूप में उभरकर आया है। कोलकाता में आपको गुड़ की चाशनी वाले रसगुल्ले खाने को मिलते है। झालमुड़ी जिस तरह भोजन में माछ-भात, मीठे में रोसोगुल्ला ठीक उसी प्रकार लाइट फूड में झालमुड़ी भी बंगाल की पहचान में शामिल है। इसी तरह तले हुए फूड्स में सबसे ज्यादा जो प्रचलित है वो है ‘आलू चॉप’ ।बंगाल में इसे समोसे को ‘सिंगारा’ कहा जाता है, इसका नाम इसके आकार के कारण पड़ा है। यहां स्ट्रीट फूड्स में घुघनी को भुलाया नहीं जा सकता है। छोलों का बड़ी खूबसूरती से इस्तेमाल कर इस खास घुघनी को बनाया जाता है।

छत्तीसगढ़
खान-पान की दृष्टि से छत्तीसगढ़ में सरगुजा-रायगढ़ क्षेत्र, रायपुर-बिलासपुर का मैदानी इलाका और बस्तर क्षेत्र में भिन्नताएं हैं।चावल और चावल से बने भोज्य  सभी जगह लोकप्रिय हैं परन्तु स्थानिय व्यंजनों और पकवानों में विभिन्नता है। बस्तर के आदिवासियों के आहार में प्राकृतिक रूप से उगने अथवा प्राप्त होने वाली सामग्री की प्रमुखता है।

तसमई : छत्तीसगढ़ी तसमई खीर जैसा व्यंजन है। दूध, चांवल का यह पकवान विशेष अवसरो व खुशियों में विशेष तौर पर बनता है।खुरमी गेहूं तथा चावल के आटे के मिश्रण से निर्मित मीठी प्रकृति का लोकप्रिय व्यंजन है। गुड़ चिरौंजी और नारियल इसका स्वाद बढ़ा देते हैं। गेहूं-चावल के आटे से बनी पपची बालूशाही को भी मात कर सकती है। मीठी पपची मंद आंच में सेके जाने से कुरमुरी और स्वादिष्ट बन जाती है। अनरसा, देहरौरी, फरा, चौसेला जैसे व्यंजन हरेली, पोरा, छेरछेरा त्यौहारों में चांवल के आटे से तलकर तैयार किया जाने वाले इस व्यंजन का जायका गुड़ व आचार बढ़ा देते हैं। नमकीन व्यंजनों में ठेठरी लम्बी या गोल आकृति वाला यह नमकीन व्यंजन बेसन से बनता है। चीला, करी, सोहारी, बरा, जैसे नमकीन व्यंजन का शादि-ब्याह में विशेष चलन है।
हरियाणा
मक्के की रोटी सरसों का साग सर्दियों में उत्तर व पश्चिमी हरियाणा में चलन में है, तो बाजरे की रोटी खाटे का साग दक्षिणी हरियाणा में सर्दियों पसंद किया जाता है। मिर्च लहसुन की चटनी रोटी मखन लस्सी ज़मींदार/पशुपालन वाले किसान का भोजन है। बाक़ी मौसमी सब्ज़ियाँ और साग, त्योहारों पर गुलगुले, हलवा, पूरी, खीर, चावल का रोचकता के साथ खाने में उपयोग किया जाता है।

बनारसी खान-पान
बनारस प्राचीनकाल से सुशिक्षित और सुसंस्कृत लोगों का गढ़ रहा है। संभवतः इसी कारण जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में इसका स्वाद सबसे अलग और अनूठा ही रहा है। शुद्धता, सादगी और अनूठी परंपरा इसके स्वाद को औरों से अलग रखती है। मिठाइयां बनारस का हमेशा से विशेषज्ञता का अधिकार क्षेत्र रहा है। हालांकि कचौड़ी, जलेबी, समोसा और स्ट्रीट फ़ूड की विविधता जिनमे स्थानीय चाटवाले तक के व्यंजन शामिल हैं, यहां आने वाले पर्यटकों का दिल जीतने में कामयाब रहते हैं।

मराठी
भोजन के बारे में सोचते ही सबसे पहले कांदा पोहा , वड़ा पाव और पाव भाजी पर ध्यान अटक जाता है। हालांकि व्यंजनों की विविधता के मामले में इस राज्य का कोई जवाब नहीं है। आसान शब्दों में कहें तो मराठी खाने में आपको स्वाद से भरपूर पारंपरिक व्यंजनों का लुत्फ मिलता है। महाराष्ट्र के भोजन की विविधता को जानने के लिए आपको माल्वानी, कोल्हापुरी, नागपुर और विदर्भ की थाली का स्वाद लेना पड़ेगा। लोगों को वड़ा पाव, मिसल पाव, थाली पीठ, साबूदाना खिचड़ी, भरली वांगी, कोल्हापुरी मटन जैसे व्यंजन भी खासे पसंद आते हैं।
बिहार
बिहार के छोटे-छोटे शहर और कस्बे भी अपनी विशिष्ट मिठाइयों के लिए मशहूर, एक ही मिठाई अलग-अलग इलाकों में नए रंग-रूप-स्वाद में उपलब्ध है।गया का तिलकुट, नालंदा का सिलाव खाजा,पटना  के मनेर के लड्डू ,भोजपुर, औरंगाबाद, रोहतास और बक्सर जिले के कुछ इलाकों में छेना खुरमा मिठाई बनती है। औरंगाबाद के दाऊदनगर और भोजपुर के आरा का खुरमा बहुत पसंद किया जाता है।बक्सर की सोन पापड़ी की भी अपनी एक खास मिठास है। इसी तरह फतुहा की मिरजई मिठाई, बड़हिया का रसगुल्ला, जमुई का महुआ लड्डू जैसी मिठाइयां अपने-अपने शहर के खासियत के साथ जुड़ी हुई हैं।सीतामढ़ी मिठाइयों के मामले में भी खास है। साबूदाने की खिचड़ी का नाश्ता बनाने के लिए इसमें साबूदाने के साथ, सूखे मेवे और मसालों को मिलाया जाता है। यह खिचड़ी मुख्य रूप से नवरात्रि पवित्र नौ दिवसीय त्यौहार) के उपवास में खाई जाती है।साबूदाना खिचड़ी में दूसरी सामग्रियों के अलावा आलू, मिर्च, मूंगफली, जीरा और करी पत्ते का उपयोग किया जाता है।
मध्य प्रदेश
पोहा, मध्य प्रदेश के सबसे लोकप्रिय खाद्य पदार्थों में से एक है। चपटे चावल, आलू, प्याज, मटर, मूंगफली और नींबू के रस के प्रयोग से बना यह पोहा, स्थानीय लोगों और पर्यटकों को समान रूप से प्रिय है। पर्यटक उज्जैन में किसी भी स्थानीय दुकान से नमकीन खरीद सकते हैं। सिंके, भुने और तले हुए नमकीन शहर के सबसे बेहतरीन स्नैक्स हैं। आप सेव, चिप्स, चिवड़ा, नमकपारा, बाकरवाडी तथा और भी बहुत से विकल्पों में से मनपसंद चुन सकते हैं। ये सभी स्नैक्स मिर्च, पुदीना और कई अन्य मसालों जैसे हल्दी, हींग और काली मिर्च से भरे होते हैं। इन नमकीनों का उपयोग चाट बनाने में भी किया जाता है।

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