
नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय इस सप्ताह एक अहम बैठक करने जा रहा है, जिसमें भारतीय सेनाओं की ताकत बढ़ाने के लिए 1 लाख करोड़ से अधिक की लागत वाले रक्षा आधुनिकीकरण प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी जाएगी। यह बैठक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद रक्षा अधिग्रहण परिषद की पहली बैठक होगी, जिसमें कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगने की संभावना है।
भारत-पाकिस्तान सीमा पर एयर डिफेंस को मजबूत करने के लिए, मंत्रालय स्वदेशी क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (QRSAM) सिस्टम की तीन नई रेजिमेंट की खरीद को मंजूरी दे सकता है। यह डीआरडीओ की परियोजना है, जिसे भारत डायनेमिक्स लिमिटेड और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा आगे बढ़ाया जाएगा।
भारतीय वायुसेना ने I-STAR कार्यक्रम के तहत तीन जासूसी विमानों की खरीद का प्रस्ताव रखा है। ये इंटेलिजेंस, सर्विलांस, टारगेटिंग और रिकॉनिस्सां (ISTAR) विमान दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखने और भविष्य में जमीनी लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे। ये विमान किसी मूल उपकरण निर्माता से खरीदे जाएंगे और डीआरडीओ की सेंटर फॉर एयरबोर्न सिस्टम्स (CABS) द्वारा भारतीय जरूरतों के अनुसार अपग्रेड किया जाएगा।
भारतीय नौसेना Pressure-Based Moored Mines को अपने बेड़े में शामिल करने का प्रस्ताव रखेगी। जो दुश्मन की पनडुब्बियों और सतही युद्धपोतों को निशाना बनाने में सक्षम हैं. इसके अलावा, Su-30MKI लड़ाकू विमानों के 84 यूनिट्स की अपग्रेडेशन, और Underwater Autonomous Vehicles (UAVs) के अपग्रेड को भी मंज़ूरी मिलने की संभावना है।
यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब भारत अपनी स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को मज़बूत करने और “मेक इन इंडिया” रक्षा निर्माण को बढ़ावा देने में जुटा है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इन प्रस्तावों को मंजूरी मिलने से तीनों सेनाओं की युद्ध क्षमता में बड़ा इजाफा होगा।