नई दिल्ली। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नौसेना के नवनिर्मित ‘युद्धपोत ‘आईएनएस इम्फ़ाल’ को रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। राजनाथ ने कहा है कि इससे नौसेना की मारक क्षमता कई गुना बढ़ जायेगी। श्री सिंह ने मंगलवार को मुंबई में आईएनएस इम्फाल को राष्ट्र को समर्पित करने के मौके पर कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद समुद्री क्षेत्र में देश की ताकत बढ़ाने के उद्देश्य से नौसेना को मजबूत बनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि एक लंबे समय तक पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर जमीनी खतरे को ही तवज्जो दी जाती रही। इसे देखते हुए सेना और वायु सेना पर तो ध्यान दिया जाता था, किंतु नौसेना पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता था। लेकिन प्रधानमंत्री मोदीजी के नेतृत्व में, उनके दृष्टिकोण ने नौसेना के महत्व को रेखांकित किया और आज नौसेना पर भी उतना ही ध्यान दिया जा रहा है जितना अन्य दोनों सेनाओं पर।
रक्षा मंत्री ने कहा कि यदि हम अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की बात करें तो उत्तर में हिमालय के कारण, और पश्चिम में पाकिस्तान के शत्रुतापूर्ण व्यवहार के कारण वहां से हमारा व्यापार ज्यादा नहीं हो पाता। हमारा ज्यादातर व्यापारिक सामान समुद्र से होकर आता है। इसलिए नौसेना को मजबूत बनाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि आईएनएस इम्फाल भारत की बढ़ती समुद्री ताकत को दिखाता है और यह हिन्द प्रशांत क्षेत्र में “जलमेव यस्य, बलमेव तस्य”, यानी ‘जिसका जल, उसका बल’ के हमारे सिद्धांत को और मजबूती प्रदान करेगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत पूरे हिन्द महासागर क्षेत्र में सुरक्षा प्रदान करने वाले देश की भूमिका में है। उन्होंने कहा कि हम सुनिश्चित करेंगे कि इस इलाक़े में होने वाला समुद्री व्यापार सागर से उठकर आसमान की बुलंदियों तक पहुँचे। इसके लिए हम मित्र देशों के साथ मिलकर समुद्री क्षेत्र को व्यापार के लिए सुरक्षित बनाये रखेंगे। उन्होंने कहा कि आजकल समंदर में हलचल कुछ ज़्यादा ही बढ़ गई है। भारत की बढ़ती आर्थिक और सामरिक ताक़त ने कुछ ताक़तों को ईर्ष्या और द्वेष से भर दिया है। अरब सागर में हाल में हुए ‘एमवी केम प्लूटो’ पर ड्रोन हमले और कुछ दिन पहले लाल सागर में ‘एमवी साई बाबा’ पर हुए हमले को भारत सरकार ने बहुत गंभीरता से लिया है ।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय नौसेना ने समंदर की निगरानी बढ़ा दी है। जिसने भी इस हमले को अंजाम दिया है, उन्हें हम सागरतल से भी ढूँढ निकालेंगे और उनके ख़िलाफ़ कठोर कारवाई की जायेगी।