कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को POCSO मामले में पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की गिरफ्तारी पर रोक आदेश जारी किया। हाई कोर्ट का कहना है कि येदियुरप्पा को 17 जून को जांचकर्ताओं के सामने पेश होना होगा। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 17 जून तक गिरफ्तारी और हिरासत की कार्यवाही पर रोक लगाने का आदेश दिया है। इससे पहले कर्नाटक के पूर्व सीएम और वरिष्ठ बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा के मामले में बीजेपी के बदले की राजनीति के आरोप पर कर्नाटक डीसीएम डीके शिवकुमार ने कहा था कि उन्होंने राहुल गांधी को क्यों शामिल किया? वह किस तरह से जुड़े हुए हैं? उन्हें बेंगलुरु कोर्ट में बुलाया जा रहा था और वे कोर्ट का सम्मान करते हुए आए… हम बदले की राजनीति नहीं करना चाहते, हम बहुत बड़े दिल वाले हैं।
वहीं, कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने शुक्रवार को कहा कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) मामले में पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया है और अच्छा होगा कि वह जल्द ही बेंगलुरु लौट आएं और अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) के सामने पेश हों। सीआईडी इस मामले की जांच कर रही है। खबरों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता नयी दिल्ली में किसी अज्ञात स्थान पर चले गये हैं। परमेश्वर ने संवाददाताओं से कहा, वारंट जारी कर दिया गया है, उन्हें लाया जाएगा और उनसे जानकारी एकत्र की जाएगी। कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
येदियुरप्पा के ठिकाने के बारे में पूछे जाने पर परमेश्वर ने कहा कि ऐसा बताया जा रहा है कि वे दिल्ली गये हैं और 17 जून को वापस आएंगे। उन्होंने कहा, अब जबकि वारंट जारी हो गया है तो अच्छा होगा कि वह जल्द वापस आ जाएं। बेंगलुरु की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो के एक मामले में गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। भाजपा नेता के खिलाफ 14 मार्च को यह मुकदमा दर्ज हुआ था। सीआईडी के विशेष जांच दल ने बुधवार को पूछताछ के लिए येदियुरप्पा के पेश नहीं होने पर उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने की मांग करते हुए फास्ट ट्रैक अदालत का दरवाजा खटखटाया था। येदियुरप्पा ने जांच में शामिल होने के लिए समय मांगा था।