चेन्नई में लगातार बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट

चेन्नई और तमिलनाडु के कई जिलों में भारी बारिश और खराब मौसम के कारण स्थिति थोड़ी चिंताजनक बन गई है। मौसम विभाग द्वारा जारी रेड अलर्ट यह दर्शाता है कि इन क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों में अत्यधिक बारिश हो सकती है, जिससे बाढ़ जैसी स्थितियां भी उत्पन्न हो सकती हैं। खासकर मयिलादुथुराई, कराईकल, तिरुवरुर और नागपट्टिनम जैसे जिलों में भारी वर्षा की संभावना है, जो पहले से ही प्रभावित हो सकते हैं।

मौसम विभाग ने यह चेतावनी दी है कि गहरे दबाव के कारण तटीय और डेल्टा जिलों में बारिश के साथ तेज़ हवाएं भी चल सकती हैं, जो इन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुँचा सकती हैं। ऑरेंज अलर्ट वाले अन्य जिलों में भी मौसम की स्थिति बिगड़ने का खतरा है।

दबाव के कारण रामनाथपुरम, तिरुचिरापल्ली, पेरम्बलुर, कल्लाकुरिची और चेंगलपट्टू जिलों के अलग-अलग इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा, अरियालुर, तिरुवरुर, नागपट्टिनम, तंजावुर, पुदुक्कोट्टई, विल्लुपुरम, पुडुचेरी, शिवगंगा, चेन्नई, कांचीपुरम, तिरुवल्लूर, रानीपेट और तिरुवन्नामलाई जिलों में बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।

आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी में भी भारी बारिश होने की संभावना है। मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे समुद्र में उथल-पुथल के कारण इस अवधि के दौरान तटों पर लौट आएं और बाहर न निकलें। आईएमडी ने भविष्यवाणी की है कि 30 नवंबर तक दबाव कम हो जाएगा, जिससे राज्य में समग्र रूप से येलो अलर्ट जारी रहेगा।

तमिलनाडु में 21 नवंबर से ही भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण रिहायशी इलाकों में बाढ़ और जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है। थूथुकुडी में राजगोपाल नगर, पुष्पा नगर, राजू नगर, पोस्टल टेलीग्राम कॉलोनी और शहर के अन्य इलाकों में भी भारी जलभराव की स्थिति है।

इस महीने की शुरुआत में उदयनिधि स्टालिन ने लोगों को बारिश के लिए सरकार की तैयारियों का आश्वासन देते हुए कहा था, “अक्टूबर में बारिश के प्रभाव के अध्ययन के आधार पर, हमने मोटर पंप और स्वयंसेवकों की संख्या बढ़ा दी है। हमारे पास 1194 मोटर पंप, 152 सुपर सकर मशीनें हैं। अक्टूबर की तुलना में मोटर और मशीनों की नियुक्ति में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। तमिलनाडु सरकार बारिश के लिए पूरी तरह तैयार है।”

इस दौरान लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और आवश्यक सावधानियाँ बरतें, जैसे कि बारिश के समय अधिकतर यात्रा से बचना और जलभराव वाले इलाकों से दूर रहना। स्थानीय प्रशासन ने राहत कार्यों की तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए।

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